रात के समय में पेड़ों के नीचे क्यों नहीं सोना चाहिए ?
आपने अक्सर सुना होगा कि रात के समय में पेड़ों के नीचे नहीं सोना चाहिए लेकिन क्या आपको इसके पीछे का कारण पता है। आज हम इसी विषय पर बात करेंगे कि रात के समय में पेड़ों के नीचे क्यों नहीं सोना चाहिए ?
जैसा कि हमें पता है कि पेड़ों में श्वसन (Respiration) के लिए कोई विशेष अंग नहीं होते हैं। पेड़ों में श्वसन पत्तियों में मौजूद छिद्रों से होता है। इन छिद्रों को स्टोमेटा कहा जाता है। इसके अलावा पेड़ के तने पर भी कुछ छिद्र होते हैं जिनसे श्वसन क्रिया होती है।
पेड़ की जड़ें सतह से सांस लेती हैं यानी पूरे पेड़ में श्वसन क्रिया लगातार चलती रहती है। जिसमें पेड़-पौधे ऑक्सीजन का उपयोग करके कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ते हैं।
पेड़ पौधे प्रकाश संश्लेषण ( Photosynthesis ) की क्रिया के द्वारा अपना भोजन तैयार करते हैं। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में पेड़ पौधे अपना भोजन सूर्य के प्रकाश में कार्बन डाइऑक्साइड और पानी का इस्तेमाल करके ग्लूकोस बनाते हैं और ऑक्सिजन छोड़ते हैं ।
प्रकाश संश्लेषण ( Photosynthesis ) की क्रिया में दिन के समय में पेड़ पौधे कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं। और दिन के समय में पेड़ों के नीचे सोना फायदेमंद होता है ।
रात में श्वसन क्रिया तो पेड़-पौधों में चलती रहती है , लेकिन रात के समय में प्रकाश संश्लेषण क्रिया नहीं होती है। ऐसे में रात के समय ऑक्सीजन नहीं बना पाते।
इस दौरान श्वसन क्रिया में ऑक्सीजन खर्च होती है और कार्बन डाई ऑक्साइड बनती है और पेड़ कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर छोड़ते हैं।
ऐसे में अगर रात के समय पेड़ों के नीचे सोया जाए तो कार्बन डाई ऑक्साइड मिलने की वजह से दम घुटने लगेगा और हो सकता है कि मौत भी हो जाये इसलिए रात के समय पेड़ों के नीचे नहीं सोना चाहिए।
यही कारण हैं कि हमें रात में पेड़ के नीचे क्यों नहीं सोना चाहिए ?

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