Why is Rani ka Vav important । रानी का वाव बावड़ी का महत्व क्या हैं ?
रानी की वाव एक बावड़ी का नाम हैं ,जो कि गुजरात के अहमदाबाद से 140 किमी दूर पाटन गाँव में मौजूद है। आपने ऐसे राजाओं के बारे में बहुत सुना होगा जिन्होंने रानी की याद में कुछ बनवाया हो , लेकिन इस बावड़ी का निर्माण रानी उदयमती ने अपने पति राजा भीमदेव की याद में 11वीं सदी में करवाया था।
इस ‘रानी की वाव’ की मूर्तिकला तथा नक्काशी में राम, वामन, कल्कि जैसे विष्णु के अवतार, महिषा सुरमर्दिनी आदि को भव्य रूप में उकेरा गया है।
विश्व प्रसिद्ध यह वावड़ी इस बात का भी प्रमाण है कि प्राचीन भारत में वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम कितना बेहतरीन और शानदार था।
RBI द्वारा 100 रुपये के नए नोटों पर 'रानी की वाव ' बावड़ी की फ़ोटो प्रिंट की गई हैं ।
22 जून, 2014 को यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में इस वाव को शामिल किया गया । ‘रानी की वाव’ समस्त विश्व में ऐसी इकलौती बावड़ी है जो विश्व धरोहर सूची में शामिल हुई है।
यह वाव 11वीं शताब्दी की भारतीय भूमिगत वास्तु संरचना और जल प्रबंधन में भूजल संसाधनों के उपयोग की तकनीक का सबसे विकसित और वृहद उदाहरण हैं।

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