भारतीय मुद्रा का इतिहास । History of Indian Currency Notes

History of indian currency । भारतीय मुद्रा का इतिहास


History of Indian Currency


आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे कि जिस भारत में कभी सोने चांदी के सिक्कों से व्यापार होता था उस भारत में कागज के नोटों ( paper currency ) ने इन्होंने कैसी जगह ले ली ? कैसे हुआ भारत में कागजी मुद्रा का चलन ? क्या हैं कागजी नोट का इतिहास भारत में ? 


 प्राचीन काल में लोग वस्तु विनिमय पद्धति (Bartering) अपनाते थे। जिसमें एक वस्तु या सेवा के बदले दूसरी वस्तु या सेवा का लेनदेन होता था । जैसे किसी को गेहूं के बदले कपड़े देना , या गेहूँ के बदले दूध , घी लेना ।


Old indian Coin



Story of Indian Currency । भारतीय मुद्रा की कहानी

भारत में सिक्कों का चलन 17 वीं  शताब्दी तक बहुत था , लेकिन जब में भारत में यूरोपियन कंपनी का आगमन हुआ तो अपना व्यापार बढ़ाने के लिए यूरोपियन कंपनियों ने निजी बैंकों की स्थापना की । और फिर सिक्कों की जगह नोटों ने ले ली ।


भारत की पहली कागजी मुद्रा कब जारी हुई ?

अगर हम बात करें भारत की पहली कागजी मुद्रा की तो भारत की पहली कागजी मुद्रा सन 1770 में बैंक ऑफ हिन्दोस्तान,  कोलकाता ने जारी की थी । यह कागजी मुद्रा 1861 तक चली ,पूरे  51 साल ।


 सन 1861 में  ब्रिटिश सरकार ने  THE PAPER CURRENCY ACT OF 1861 कानून बनाया । जिसमें इन्होंने " विक्टोरिया पोर्ट्रेट श्रृंखला " ( Victoria Portrait Series ) जारी की ।



' विक्टोरिया पोर्ट्रेट श्रृंखला'  ( Victoria Portrait Series ) के नोट पहली कागजी मुद्रा थी, जिसे सरकार ने आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया था। ये नोट 10 रुपए, 20 रुपए, 50 रुपए, 100 रुपए और 1,000 रुपए के मूल्यवर्ग में उपलब्ध थे। नोट दो भाषाओं में उपलब्ध कराए गए थे और उस पर क्वीन की तस्वीर होती थी।

Victoria Portrait Series
Image Source : Dainik Bhaskar
विक्टटोरिया सीरीज का 20 रुपये का नोट


जैसे-जैसे भारत पर ब्रिटिश प्रभाव बाद के वर्षों में बढ़ता गया, भारत में नोटों की शैली विकसित होती गई। वर्ष 1923 में जॉर्ज पंचम की तस्वीर के साथ ही अधिक भाषाओं और विवरण वाले नोट प्रकाशित हुए। 1923 में 1, 2½, 5, 10, 50, 100, 1,000, 10,000 रुपये के नोट जारी हुए। 


George 5th Note
Image Source : www.thebetterindia.com


भारत की पहली मुद्रा प्रिंटिंग प्रेस ( First Printing Press )  1928 में नासिक में स्थापित की गई। इसके चार साल बाद भारत में चलने वाले सभी नोटों को मुद्रित करने लगी। 

Hyderabad nizam note
Image Source : MarudharArts


हैदराबाद ने निजाम ने अपनी करेंसी जारी की थी । सन 1916 से हैदराबाद के पास अपनी खुद की पेपर करेंसी थी जो कि सन 1952 तक चलन में थी । यह नोट उर्दू , मराठी , तेलगु आदि भाषाओं में प्रिंट किये गए थे ।


बाद में 1935 ई. में भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना हुई और उसे भारत सरकार के नोटों को जारी करने का अधिकार दिया गया। रिजर्व बैंक ने 10,000 रुपयों का भी नोट छापा लेकिन स्वतंत्रता के बाद इसे बंद कर दिया। आरबीआई द्वारा जारी की गई पहली करंंसी नोट 5 रुपये की थी जिस पर किंग जॉर्ज VI की तस्वीर थी। यह नोट 1938 में छापा गया था।


George 6th note
Image Source : MarudharArts

आरबीआई द्वारा जारी की गई पहली करंंसी नोट 5 रुपये की थी जिस पर किंग जॉर्ज VI तस्वीर हैं ।




आजाद भारत का पहला नोट कौन सा था ?
आजाद भारत और कागजी मुद्रा

धीरे धीरे समय बीतता गया और समय आया भारत के स्वतंत्रता का  ।  1947 में आजादी के बाद भारतीय मुद्रा बदलाव किये गए । स्वतंत्रत भारत का पहला नोट 1 रुपये का था , जो कि  12 अगस्त  1949 में जारी किया गया था । इस नोट पर सारनाथ का अशोक स्तंभ अंकित था ।


Image Source : Thenewsminute


 इसके बाद नोट में कई बदलाव हुए और उस पर गेटवे ऑफ इंडिया, बृहदेश्वर मंदिर के चित्र भी छापे गये।


और अब आता हैं सन 1953 जब  भारत सरकार के द्वारा छापे गए नोट में हिंदी भाषा में भी लिखा गया था । 1954 में फिर से 1,000 , 5,000 और 10,000 मूल्य के नोट छापे गए ।1000 रुपये के नोट पर तंजोर मंदिर की डिजाइन थी, 5000 रुपये के नोट पर गेटवे ऑफ इंडिया और 10000 के नोट पर लॉयन कैपिटल, अशोक स्तंभ थे ।

 लेकिन 1978 में विमुद्रीकरण ( demonetisation ) के कारण इन नोटों को बंद कर दिया गया । इसके पहले 1946 में विमुद्रीकरण ( demonetisation ) हुआ था ।

 


10000 rupay ka note
Image Source : RBI
10,000 मूल्य का नोट 



महात्मा गांधी की सबसे पहली तस्वीर नोट पर कब छपी ?

महात्मा गांधी की सबसे पहली तस्वीर नोट पर 1969  में छपी  । भारतीय रिजर्व बैंक ने 1969 नोटों पर महात्मा गांधी जन्मशती स्मारक डिजायन ( Birth Centenary Memorial Design )  वाली श्रृंखला जारी की थी । नोटों पर उनकी तस्वीर के पीछे सेवाग्राम आश्रम भी था । 

Sabse pehle gandhi ji photo kb chapi
Image Source : RBI


Gandhi ji kiphoto sabse pehle kab chapi
Image Source : RBI



1975 में फिर से 20 और 50 मूल्य के नोट जारी किए गए ।

20 rs old note
Image Source : RBI

50 rs old note
Image Source : Indiamart





वर्ष 1980 के बाद नोटों पर कला, संस्कृति और ज्ञान-विज्ञान से संबंधित चित्र व्यापक तौर पर छापे जाने लगे. उससे पहले कुछ राष्ट्रीय स्मारकों के चित्र छापे गये थे । इन  नोटों पर निम्न फ़ोटो थी ।
Oil Rig -  Re 1 नोट
आर्यभट्ट ( Aryabhatta ) -   Rs. 2 नोट
कृषि यंत्रीकरण ( Farm Mechanisation) -  Rs. 5 नोट
मोर ( Peacock ) - Rs. 10 नोट
कोणार्क व्हील ( Konark Wheel ) - Rs. 20 नोट
शालीमार बाग - Rs 20 नोट
हीराकुण्ड बांध ( Hirakud dam ) -  Rs. 100 नोट

1  rupay ka purana note
Image Source : RBI


2 Rupay ka note
Image Source : RBI

5 rs purana note tractor vala
Image Source : RBI




साल 1983-1984 में बीस का नोट जारी किया गया जिसमें आगे की तरफ सिंह चतुर्भुज और पीछे की तरफ बौद्ध चक्र बना हुआ था।

20 rupaya note purana
Image Source : Social Media

20 rupay ka purana note



बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अक्टूबर 1987 मूल्य 500 का नोट जारी किया गया ।

500 ka purana note



अंत में  1996 में महात्मा गांधी श्रृंखला ( 'Mahatma Gandhi Series' )  वाले कागज के नोट शुरु किए गए।       

सन 1996 में RBI ने एडिशनल फीचर्स के साथ नई महात्मा गांधी सीरीज जारी की । इन फीचर्स में बदला हुआ वाटरमार्क, विंडोड सिक्योरिटी थ्रेड, लेटेंट इमेज फीचर्सआदि  शामिल रहे।

सन 1996 से पहले 1987 में महात्मा गांधी की तस्वीर को वाटरमार्क के रुप में इस्तेमाल किया जाता था ,  जो कि नोट के बाईं तरफ दिखाई देते थे। बाद में हर नोट में गांधी जी की तस्वीर छापी जा रही है ।

इन नोटों में 5, 10, 20, 100, 500 रुपये वाले नोट शामिल थे । 1996 से महात्मा गांधी की तस्वीर वाले जो नए नोट चलन में आए उनमें  इस दौरान अशोक स्तंभ की जगह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का फोटो और अशोक स्तंभ की फोटो नोट के बायीं तरफ निचले हिस्से पर प्रिंट कर दी गई ।


9 अक्टूबर 2000 को 1000 रुपये का नोट जारी किया गया ।

1000 ka purana note
Image Source : TOI



यह नोट पर  प्रिंट होने वाली महात्मा गांधी की तस्वीर बहुत ही चर्चा में रहती हैं कि यह तस्वीर एक कार्टून है या फिर ओरिजिनल तस्वीर ? 

तो हम आपको बता दे कि नोटों पर छपने वाली महात्मा गांधी की तस्वीर असली है यह कोई कार्टून नहीं है । तो फिर से सवाल उठता हैं कि फिर यह तस्वीर किस जगह से ली गई हैं । 



महात्मा गांधी जी की तस्वीर नोटों में कहां से ली गई ?

यह तस्वीर 1946 मे राष्ट्रपति भवन  ( भूतपूर्व वायसराय हाउस )   में ली गई थी। राष्‍ट्रपिता म्यांमार (तब बर्मा) और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस से मुलाकात के लिए पहुंचे थे। यह तस्वीर अज्ञात फोटोग्राफर द्वारा ली गई थी । सन 1996 से वर्तमान तक RBI द्वारा इस तस्वीर का इस्तेमाल बैंक नोटों पर किया जा रहा हैं ।  इस तस्वीर में महात्मा गांधी लॉर्ड फ्रेड्रिक विलियम पेथिक – लॉरेंस के साथ खड़े थे। वह एक महान राजनेता थे और ग्रेट ब्रिटेन में महिला मताधिकार आंदोलन का भी नेता थे। 


When Did Gandhi Photo Came On Indian Currency
Image Source : Social Media




2006 में “Star Series” के नाम से नोट छापे गए । इसके पीछे का कारण यह था कि कोई भी Defective नोट दुबारा प्रिंट नही हो जाये same serial नंबर का ।


Star series note
Image source : RBI



2011 में  " ₹ " को  भारतीय मुद्रा चिन्ह के रूप में चुना गया ।
भारतीय रुपया चिह्न (₹) भारतीय रुपये (भारत की आधिकारिक मुद्रा) के लिये प्रयोग किया जाने वाला मुद्रा चिह्न है। यह डिजाइन भारत सरकार द्वारा 15 जुलाई 2010 को सार्वजनिक किया गया था। यह प्रो. डी उदयकुमार द्वारा निर्मित था।


2015 में फिर से 1 रुपये मूल्य के नय नोट जारी किये गए।

1 rupay ka naya note

इसके बाद की कहानी तो सबको पता हैं। 8 नवंबर, 2016 की रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के संबोधन में अप्रत्याशित रूप से उच्च मूल्य वर्ग के 500 एवं 1000 रुपये के करेंसी नोट को प्रचलन से बाहर करते हुए उनके लीगल टेंडर (वैध मुद्रा) नहीं होने की घोषणा की। नोटबंदी को ही विमुद्रीकरण (demonetisation) कहा जाता है। 




इसके बाद में RBI के द्वारा नये नोट छापे गये, जिनसे हम सब परिचित हैं 
History of Indian Currency









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