History Of Bharat Ratna । भारत रत्न पुरस्कार का इतिहास
भारत रत्न के बारे में संपूर्ण जानकारी
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। भारत रत्न की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने की थी।
पहली बार 1954 में भारत रत्न प्रसिद्ध वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन ,चक्रवर्ती राजगोपालाचारी और डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को दिया गया था। तब से अनेक विशिष्ट जनों को अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता पाने के लिए यह पुरस्कार प्रस्तुत किया गया है।
भारत रत्न की जब स्थापना हुई थी उस समय ये सम्मान मरणोंपरांत नहीं दिया जाता था। यानी कि किसी भी व्यक्ति को मृत्यु के बाद भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया जा सकता था। लेकिन साल 1955 में इसमें एक प्रवाधान जोड़ा गया है। इस प्रवाधान को जोड़ने के बाद अब तक 12 लोगों को मरणोपरांत भारत रत्न दिया जा चुका है।
एक साल में केवल 3 ही लोगों को भारत रत्न दिय़ा जा सकता है। साथ ही भारत रत्न हर साल नहीं दिया जाता है। लेकिन इसके लिए कोई समय अंतराल भी तय नहीं है।
श्री सचिन तेंदुलकर जी एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन को 2014 में भारत रत्न प्राप्त हुआ है और वह भारत रत्न प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी हैं।
भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पहली गायिका श्रीमती एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी हैं जिसको सन् 1998 में सम्मानित किया गया था।
'भारत रत्न' पुरस्कार के साथ मिलने वाली सुविधाएं । Bharat Ratna Award Facilities in Hindi
नहीं दी जाती किसी भी तरह की नकद राशि
भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति धनराशि नहीं दी जाती है। भारत रत्न पाने वालों को सरकार से एक प्रमाणपत्र और तमगा ( Medal ) मिलता है। ये तमगा पीपल के पत्ते की आकृति में बना होता हैं । इस पर सूर्य बना होता है। जहां हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है।
मिलती हैं मुफ्त यात्रा की सुविधा
भारत सरकार द्वारा भारत रत्न पाने वाले व्यक्ति को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं । भारत रत्न पाने वालों व्यक्ति को रेलवे की ओर से मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है।
जिसमें भारत रत्न पाने वाला व्यक्ति रेलवे की यात्रा मुफ्त में कर सकता है। दिल्ली सरकार डीटीसी बसों में उन्हें मुफ़्त सफ़र करने की सुविधा देती है।
‘भारत रत्न प्राप्तकर्ता’ को मिलती हैं ‘वॉरंट ऑफ़ प्रिसिडेंस ‘में जगह
भारत रत्न पाने वाले व्यक्ति को सरकार की ओर से ‘वॉरंट ऑफ़ प्रिसिडेंस ‘में जगह दी जाती है। ये एक तरह का प्रोटोकॉल है। जब प्रोटोकॉल को फॉलो किया जाता है, तब उन्हें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है।
मिल सकती हैं "Z" सिक्युरिटी
इसके अलावा भारत रत्न विजेता व्यक्ति को जरुरत पड़ने पर “Z” सिक्युरिटी भी मुहैया कराई जाती है यानी की भारत रत्न विजेता को पूरा तरह वीआईपी ट्रीटेमेंट मिलता है।
विजिटिंग कार्ड पर लिख सकते हैं सम्मान का नाम
भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति विज़िटिंग कार्ड पर सम्मान का नाम लिख सकते हैं। जहां वे अपने कार्ड पर ‘राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित’ या ‘भारत रत्न प्राप्तकर्ता’ ही लिख सकते हैं।
नोट: यह जानकारी इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त की गई हैं , इसका 100 % सही होना जरूरी नही हैं । हमारा उद्देश्य किसी की भी भावना को ठेस पहुँचाना नहीं हैं । अगर किसी तरह की कोई गलती की गई हो तो हमे तुरंत कमेंट कर बताए ।

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