पिछली पोस्ट में हमने जाना था कि आज इस पोस्ट में हम जानेगें के मुर्गा सुबह सुबह बांग क्यों देता है ?
जैसा हमें पता हैं कि सुबह-सुबह मुर्गा बांग देता है , वह भी किसी ऊंची जगह पर चढ़ कर । लेकिन वह ऐसा क्यों करते हैं ? क्या वजह रहती हैं सुबह से मुर्गे के बांग देने के पीछे ?
हैं एक Scientific कारण
जब सुबह हल्की सी रोशनी आ जाती हैं , तो मुर्गा को सुबह होने का अंदाज़ लगा लेते और अपनी बांग से यह बताते है कि आसमान में सूरज निकलने वाला है। इसके बारे में जब वैज्ञानिकों ने रिसर्च की तो पता चला कि मुगों का व्यवहार उनकी बायोलॉजिकल घड़ी यानि सरकेसियन रिदम (Circadian rhythm) से ऑपरेट होता है जो कि एक जैविक प्रक्रिया है। यह बायोलॉजिकल घडी पेड़ ,जानवरों के अलावा fungi, cyanobacteria में भी देखी गई हैं ।
दुनिया के बहुत से देशों में मुर्गे की बांग देने को सुबह होने का प्रतीक माना जाता था । मुगों के अंदर बॉयालॉजिकल घड़ी ही उन्हें सुबह के समय का बिलकुल सही अहसास कराती है और इस मामले में उनसे कभी चूक नहीं होती है।
मुर्गा सुबह कितने बजे बांग देते हैं ?
मुगों के अंदर बॉयालॉजिकल घड़ी ही उन्हें सुबह के समय का बिलकुल सही अहसास कराती है , और इसके बाद मुर्गा बांग देता हैं । मुर्गा लगभग सुबह 3 बजे से 5 बजे के बीच में बांग देते हैं , जैसा कि मुझे इंटरनेट के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई ।
मुर्गी बांग क्यों नहीं देती है ?
एक और सवाल कि मुर्गियां क्यों बांग नहीं देतीं । जैविक घड़ी तो उनके अंदर भी होती है । दरअसल, यहां खेल शरीर की बनावट और हार्मोन का है। इसी अंतर की वजह से मुर्गियां पक-पक करती रहती हैं। शरीर के अंतर की वजह से मुर्गियों के हार्मोन दूसरे कामों में ज्यादा ऐक्टिव होते हैं।यहीं कारण हैं कि मुर्गी बांग नही देती हैं ।
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