भगवान् की पूजा ईश्वर की उपासना करते हुए तो आपने लोगो को देखा होगा। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएँगे जहाँ बुलेट की पूजा होती है। इस मंदिर को ओम बन्ना धाम के नाम से भी जाना जाता है , आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में -
◆ बुलेट बाबा मंदिर कहाँ स्थित हैं ?
जोधपुर - पाली हाईवे पर पाली से लगभग 20 km दूर सड़क के किनारे जंगल में लगभग 20-25 प्रसाद व पूजा अर्चना के सामान से सजी दुकाने दिखाई देती है और साथ ही नजर आता है भीड़ से घिरा एक चबूतरा जिस पर ओम बन्ना की एक बड़ी सी फोटो और अखंड जलती ज्योत। यहीं हैं बुलेट बाबा मंदिर।
◆ ओम बन्ना या बुलेट बाबा मंदिर के पीछे की कहानी क्या है ?
लगभग 32 वर्ष पहले 2 दिसंबर 1988 को ओम सिंह बन्ना नाम के व्यक्ति स्वयं की 350CC बुलेट पर बांगड़ी से अपने गांव चोटिला को जा रहे थे। अचानक तभी उनका नियंत्रण उनकी गाडी से छूट गया और उनकी बुलेट एक वृक्ष से जा टकराई। इस दुर्घटना में ओम सिंह जी की मृत्यु हो गयी। पुलिस उस बुलेट को पुलिस स्टेशन ले गयी परन्तु अगली ही सुबह वह बुलेट अपने आप दुर्घटना वाली जगह जा पहुंची।
पुलिस वापिस उसे स्टेशन ले आयी और उसे जंजीरो से बाँधा गया और उसका पूरा पेट्रोल निकाल लिया। परन्तु अगली सुबह वह फिर दुर्घटना के स्थान पर जा पहुंची। पुलिस ने कुछ और प्रयत्न किये गाडी को पुलिस स्टेशन में रखने के पर हर सुबह वह वहां पहुंच जाती थी। यह खबर ओम जी के गांव में बहुत जल्दी फ़ैल गयी और फिर जहाँ ओम बन्ना का एक्सीडेंट हुआ था , एक मंदिर बनवा दिया गया।
जिसके बाद यहाँ पर ओम बन्ना धाम बना दिया गया
राजस्थान में लड़कों को बन्ना कहा जाता है, बाइक को इस तरह अपने आप बार वहां जाता देख ओम के पिता ने उस स्थान पर ओम बन्ना धाम नाम से मंदिर का निर्माण कर दिया । जिसे बुलेट बाबा मंदिर कहा जाता है । और इस बुलेट का नंबर RNJ 7773 हैं ।
मान्यता -
यहाँ पर ऐसा माना जाता है कि यहाँ से गुजरने वाले अगर इस मंदिर में रुक कर प्रार्थना करते है तो उनकी यात्रा सुखद और मंगल होती है। और ऐसा भी माना जाता है की अगर आप इस मंदिर में ना रुकते हुए सीधे निकल जायेंगे तो आपके साथ दुर्घटना घट सकती है।
इसी कारण यहाँ लोग ओम बन्ना जी और उनकी बुलेट के दर्शन करने आते हैं।
ऐसा भी कहते है की ओम बन्ना की बुलेट मनोकामनाएं भी पूरी करती है , इसलिए इसके पास लोग धागा भी बांधते हैं।
मंदिर में आने वाले कुछ लोग फूलों की माला चढ़ाते है तो कुछ लोग शराब भी चढ़ाते हैं। लेकिन ऐसा करना यहाँ का कोई नियम नहीं है ऐसा यहाँ श्रद्धा अनुसार होता है।
यहाँ बहुत से लोग राजस्थानी लोकगीत गाते भी मिल जाते हैं।


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