Kiradu Temple Story : किराडू मंदिर की कहानी
दुनिया में ऐसी बहुत सी जगह हैं, जिनका रहस्य 21वीं सदी में भी लोगों को चौंकाता है।कला और संस्कृति के धनी राजस्थान (Rajasthan) की रेतीली धरती में कई राज दफन हैं। यहां के राज वैज्ञानिकों के लिए भी चुनौती बने हुए हैं। इन्हें जानकर बड़े-बड़े सूरमाओं के पसीने छूट जाते हैं।
आज हम बात करेंगे ऐसे मन्दिर के बारे में जिसमें किसी जमाने में भक्तों का मेला लगा रहता था। आज उसी मन्दिर में कोई भी भक्त रात को रुक नहीं सकता है। दावा किया जाता है कि एक मन्दिर ऐसा भी है जिसे रात में आज तक किसी ने नहीं देखा और जिसने भी रात को इस मन्दिर में रुक कर इसे परखने की कोशिश की वो इन्सान पत्थर का बन गया।
इस मंदिर का नाम किराडू मंदिर हैं, जो कि राजस्थान के बाड़मेर से 43 किलोमीटर दूर स्थित है। किराडू मंदिर राजस्थान का खजुराहों के नाम से मशहूर हैं यह मंदिर । यहाँ पाँच मंदिरों की शृंखला है जिनमें 2 मंदिर थोड़े ठीक हालात में है बाकी मन्दिर खंडहर में तब्दील हो चुके है। इन मंदिरों को बेहतरीन कारीगरी के साथ महान कारीगरों ने मिलकर 11वीं शताब्दी में अस्तित्व में लाया था। इन मंदिरो का निर्माण कराने में अहम भूमिका परमार राजवंश की रही हैं। लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ कि जिन मन्दिरों के निर्माण में इतना वक्त और इतनी मेहनत लगाई गयी वो खूबसूरत मन्दिर रातो रात वीरान क्यों हो गये ?
किराडू मंदिर का रहस्य । Kiradu Temple Mystery
जैसा कि हमें पता हैं कि प्राचीन समय में ऐसे कई संत साधु हुए है जिनके शब्दों में इतनी ताकत थी कि वो अपने श्राप या वरदान से किसी की जिंदगी सुधार या बिगाड़ सकते थें।
कहा जाता है कि ऐसा ही कुछ एक बार इस गाँव में हुआ था। दरअसल इस गांव में एक सिद्धि संत रुके थें। कुछ दिन रुकने के बाद वो इस गाँव से देश भ्रमण के लिए निकल गए लेकिन जाते वक्त उन्होंने अपने शिष्यों को गाँव वालों के सहारे यहीं छोड़ दिया ,लेकिन जब वह संत यहाँ पर वापस आएं तो उन्होंने देखा कि उनके सारे शिष्य काफी खराब हालत में थे।
Kiradu Temple Curse : किराडू मंदिर का श्राप
गाँव की एक कुम्हारिन को छोड़कर किसी भी गाँव वालों ने संत के शिष्यों की देखभाल एवं इलाज नहीं किया। जब उस सन्त को ये बात पता चली तो वो काफी क्रोधित हो गए। उन्होंने कहा कि इस गाँव के लोगों में दया भाव और इन्सानियत ही नहीं है इसलिए उन्हें जिंदा रहने का अधीकार नहीं है। ये कहते उन्होंने ये श्राप (Kiradu Temple Curse) दिया कि इस गाँव का कोई भी इन्सान शाम ढलने के बाद जिंदा नहीं रहेगा, जो जिस हालत में है उसी हालत में पत्थर का बन जायेगा। और तभी ये गाँव वीरान हो गया है।
अभी भी मौजूद इस गाँव के अवशेष
आज यहाँ सिर्फ इन मंदिरो की ही नहीं बल्कि उस गाँव के अवशेष भी मौजूद है, जो उस संत के श्राप से उजड़ गया था। इन्ही मन्दिरों से आधा किमी दूर जमीन में एक मूर्ति दबी हुई है। सदियों से उड़ती रेत यहाँ जम गई है, और अब ये मूर्ति जमीन से ऊपर केवल एक दो फीट ही नजर आती है। इस मूर्ति को आज तक कोई हिला नहीं सका। सेना के जवान भी कोशिश कर चुके है। गाँव वाले बताते हैं कि ये मूर्ति उसी कुम्हारिन की है जिसने उस संत के शिष्यों की सेवा की थी। उस सन्त ने श्राप देने के बाद उस कुम्हारिन से कहा था कि तुम शाम होने से पहले इस गाँव से चले जाना और वापस मुड़ कर मत देखना। कुछ देर चलने के बाद उसने लोगों के चिल्लाने की आवाज सुनकर पीछे मुड़ कर देखा और वो भी पत्थर की बन गयी।
हैरानी की बात तो ये है कि भारतीय पुरात्तव विभाग भी इस मन्दिर से जुड़ी इस कहानी को सच मानता है। उनके अनुसार उनके पास ऐसे रिकॉर्ड मौजूद है जिसमें आजतक इस मन्दिर में रात को जाने वाले लोगों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गयी। और वो जिंदा वापस नहीं लौट सके।
किराडू मन्दिर के नक्शे की तुलना खजुराहों से होती है
इस मन्दिर के नक्शे की तुलना खजुराहों से होती है लेकिन इस मन्दिर को खजुराहों जैसी ख्याति और मान सम्मान आज तक नहीं मिल पाया है। क्योंकि पिछले 900 सालों से ये मन्दिर वीरान पड़ा है। इन कहानियों के कारण।
इतने खौफनाक रहस्य के बाद भी इस मंदिर की खूबसूरती लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस कारण यहां दिन में लोगों का मेला लगा रहता है। हालांकि शाम होने से पहले ही लोग हर हाल में मंदिर से वापस लौट जाते हैं। कई लोग तो खौफ में इस मंदिर को दूर से देखकर ही लौट जाते हैं। वे लोग इस मंदिर के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं।
भारत मे ऐसे कई मन्दिर हैं जिनसे जुड़ा इतिहास आज भी रहस्य बना हुआ है।


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