पुराने समय के तस्वीरों में लोग मुस्कुराते क्यों नहीं थे ? Why Doesn't Anyone Smiled in Old Photographs.



क्या आपने कभी ध्यान दिया पुराने जमाने के फोटो में कोई भी व्यक्ति मुस्कुराता हुआ नजर नहीं आता था ? 
इसके पीछे क्या वजह क्या थी, ये आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

Image Source : TheLallantop


19वीं सदी में कैमरा एक्सपोज़र के लिए लंबा समय लेता थे । कोई कैमरा फ़ोटो खींचने में जितना समय लेता है, उसे एक्सपोज़र टाइम कहते हैं । पहले के जमाने में एक फोटो खींचने के लिए फोटोग्राफर को काफी मेहनत करनी पड़ती थी, बहुत प्रयास करने के बाद एक फोटो लिया जाता था, क्योंकि उस समय के कैमरे में मौजूद के शटर को खुलने और बन्द होने में आज के मुकाबले बहुत ज्यादा समय लगता था।



 जहाँ आज हम सेकण्ड्स में फ़ोटो खींच लेते हैं ।  वहीं दुनिया का पहला फोटोग्राफ 1826 में Joseph Nicéphore Niépce को खींचने में 8 घण्टे का समय लग गया था। फ़ोटो खींचते वक्त जब कैमरे का बटन दबाया जाता है तो कैमरे का शटर खुलता है बाहर की लाइट अंदर आती है और फिर से शटर बन्द हो जाता है, और शटर के पीछे के पीछे exposed plates पर तस्वीर रिकॉर्ड हो जाती है। 

आज कल के कैमरे काफी एडवांस्ड हैं जिनमें सेकण्ड्स में फ़ोटो ले लिया जाता है, लेकिन पुराने समय में अगर किसी को फ़ोटो खिंचवानी हो तो उसे कई मिनट तक कैमरे के सामने खड़ा रहना पड़ता था, और किस फ्रेम की लाइट अंदर कैप्चर हो जाये ये तय नहीं होता था, तो जाहिर सी बात है कि इतने समय तक किसी का भी अपने चेहरे पर हँसी रखना मुश्किल काम है।

सन 1838 में दुनिया की पहली तस्वीर ली गयी थीं जिसमें कोई इन्सान नजर आ रहा था। इस फोटो को खींचने के लिए Louis Daguerre को 10 से 15 मिनट तक कैमरे का शटर शुरू रखना पड़ा था और इस तस्वीर में रास्ते में मौजूद गाड़ियाँ धुंधली दिखाई दी क्योंकि वो तेज गति में थीं। सिवाय एक इंसान को छोड़कर क्योंकि ये आदमी फ़ोटो खींचते समय एक ही जगह पर काफी देर तक खड़ा रहा। वो आदमी अपनी शूज पोलिश करवा रहा था, तभी फोटोग्राफर ने ये तस्वीर ली थी जिसे खींचने में 10 मिनट से भी ज्यादा का समय लग गया था। पुराने तस्वीरों में लोगों के न मुस्कुराने के पीछे और भी कई सारी वजह हैं जैसे की उस समय बहुत कम लोग फ़ोटो खींचा पाते थे, और उसके लिए भी उन्हें स्टूडियो में जाना पड़ता था, फ़ोटो खिंचाना उनके लिए एक नई बात थी। कुछ लोग अपने पूरे जोवन में एक ही बार फ़ोटो खींचा पाते थें, इसके अलावा लोग तस्वीरों को अपने परिवार के लिए टाइमलेस रिकॉर्ड के रूप में संजोकर रखना चाहते थे, इन्हीं सब कारणों के वजह से लोग पुराने जामाने में तस्वीरों में मुस्कुराते नहीं थें।


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