क्या आपको पता है दुनिया में मिले, सबसे पुराने मानव पैरों के निशान कहाँ है? Surprising Archeological Discoveries.

दुनिया का सबसे पुराना इंसानी पैरों का निशान कहाँ है?



क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे पुराना इंसानी पैरों का निशान कहाँ है? क्या आप यकीन करोगे कि आज से हजारों साल पहले बिना किसी टॉर्च या लाइट का इस्तेमाल किये बिना ही गुफा बनाई जा सकती थीं? क्या 20 टन का पत्थर किसी क्रेन का इस्तेमाल किये बिना उठाया जा सकता है ? 

जी हाँ ये सारे काम जिन्हें हम आदिमानव मानते हैं उन्होंने ने ही ये सारे कारनामें कर दिखायें हैं।



हाल ही में सऊदी अरब में नेफूड रेगिस्तान (Nefud Desert) के अल्थार झील के पास सैकड़ों जीवाश्म पैरों के निशान मिले हैं जिसमें से कुछ घोड़े ऊँट और हाथी के पैरों के निशान हैं।लेकिन जो चीज सबसे चौंकाने वाली थी वो थी वहाँ मौजूद इंसानी पैरों के निशान। रेडियो कार्बन डेटिंग से पता चला कि ये पैरों के निशान कम से कम 1,20,000 साल पुराने हो सकते हैं और ये दुनिया में अब तक मिले सबसे पुराने इंसानी पैरों के निशान हैं। शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि ये पैरों के निशान अंतिम इंटरग्लिशियल काल के हैं। इस अवधि में आर्द्र परिस्थितियों में मानव और पशु मिलकर इस क्षेत्र में रहा करते थे। माना जा रहा है कि होमो सेपियंस (Homo Sapiens) का एक समूह खाना और पानी की तलाश में यहां रुका था । ऊंट, भैंस और हाथी जैसे बड़े जानवर भी इस झील के पास पानी पीने के लिए आए होंगे क्योंकि इनके भी पैरों के निशान मिले हैं ।

शोधकर्ताओं का मानना है कि इन इंसानों ने कुछ बड़े स्तनधारी जानवरो (Mammals )  का शिकार किया होगा।  वे यहां लंबे समय तक नहीं रुके होंगे बल्कि इस जगह का इस्तेमाल पानी पीने वाली जगह के रूप में करते होंगे और फिर अपनी लंबी यात्रा पर निकल पड़ते होंगे। 


Longyou Caves,
Image Source : PMnewsNigeria

चीन के शी शोंग प्रान्त में मौजूद Longyou Caves, कोई मामूली गुफा नहीं है। 2000 साल पुरानी ये गुफा 32,000 Sq-ft में फैली है, और इस गुफा की खोज 1992 में एक स्थानीय निवासी द्वारा हुई थी। इस गुफा का निर्माण पहाड़ के अंदर किया गया था और इसे बनाने के लिए 35 मिलियन क्यूबिक फ़ीट पत्थर काट कर यहाँ से निकाला गया होगा। इस गुफा के निर्माण में अगर 1000 आदमियों ने दिन रात काम किया होगा तो भी इसे बनाने में कम से कम 6 साल का समय तो लगा ही होगा। यहाँ की हर एक दीवार हर एक पिलर को बड़ी ही सटीकता से तराशा गया है जैसे जैसे गुफा के अंदर हम प्रवेश करते हैं वैसे वैसे अंधेरा भी काफी बढ़ता जाता है तो सोचने वाली बात ये है कि घने अंधेरे में उन्होंने अपना बारीक काम कैसे किया होगा क्योंकि यहाँ प्रकाश के स्रोत (जैसे आग या मशाल) का निशान नहीं मिला है। शोधकर्ताओं को चीन की किसी भी ऐतिहासिक दस्तावेज में इस गुफा का उल्लेख नहीं मिला है, जिसकी वजह से इस गुफा का निर्माण किसने और क्यों किया था इसका जवाब आजतक नहीं मिला।




1994 में टर्की की Şanlîurfa में एक किसान को अपने खेत में खुदाई करते समय जमीन से बाहर निकलता हुआ एक पत्थर दिखाई दिया उसने उस पत्थर को निकालने की कोशिश की तो उसे जल्दी ही पता चला कि वो पत्थर अंदर काफी गहराई तक धँसा हुआ है। उस किसान ने पास के म्यूजियम में इसके बारे में जानकारी दी और उसके खेत में शोधकर्ताओं ने खुदाई का काम शुरू किया थोड़ी खुदाई करने के बाद पता चला की वहाँ जमीन के नीचे पत्थरों की एक विशाल संरचना दबी हुई है यहाँ दर्जनों विशाल पत्थर मिले हैं जिसमें कई पत्थरों का वजन करीब 20 टन है । इन पत्थरों पर जानवरों और इंसानो की आकृतियाँ भी बनाई गयी है। Archeologists के अनुसार यहाँ का एक पत्थर उठाने के लिए करीब 500 लोगों की जरूरत पड़ी होगी। इस जगह की सेडीमेंट लेयर से लिए गए सैंपल की रेडियो कार्बन डेटिंग भी की गई, जिसके बाद ये पता चला की पत्थरों की ये रचना 12,000 साल पुरानी है, मतलब स्टोनहेंज से भी पुरानी और मेसोपोटामियन सभ्यता से भी 5000 साल पुरानी। हैरानी की बात तो ये है कि मुख्य धारा के पुरातत्त्वविद ये मानते हैं कि आज से 12,000 साल पहले इंसानों का ज्यादा विकास नहीं हुआ था उस समय इंसान सिर्फ समूह में शिकार किया करते थें और गुफाओं में पेंटिंग्स बनाया करते थे तो सवाल ये है कि गुफाओं में रहने वाले इंसानों को इतनी विशालकाय संरचना बनाने की क्या जरूरत पड़ी होगी ।

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