जानिए अंटार्कटिका महाद्वीप के रहस्यो के बारे में। Mysteries Of Antarctica

अंटार्कटिका महाद्वीप



अंटार्कटिका एक ऐसा महाद्वीप है जो पृथ्वी के नीचे दक्षिणी ध्रूव पर बसा है। अंटार्कटिका दुनिया का 5 वाँ सबसे बड़ा महाद्वीप है। दुनिया का कोई भी इंसान वहाँ का स्थायी निवासी नहीं है। नॉर्वे के Roald Amundsen दुनिया के पहले ऐसे खोजकर्ता थे जो दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचे थें, उन्होंने ये कारनामा 1911 में किया था।

 आज अंटार्कटिका में विविध देशों के रिसर्च सेंटर भी हैं, जहाँ साल भर में 2000 से 5000 लोग आते जाते हैं। अंटार्कटिका पर भारत के 3 रिसर्च सेंटर हैं। जिनमें से 2 एक्टिव है और एक एक्टिव नहीं है। लेकिन वहाँ ऐसा क्या है कि दुनिया के कई देश वहाँ रिसर्च करने में अपने करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं। अंटार्कटिका का तापमान बेहद कम होता है। 

अब तक यहाँ का सबसे कम तापमान -89.2℃ मापा गया था। ये तापमान पृथ्वी का आज तक का सबसे कम रिकार्डेड तापमान है, जो 21 जुलाई 1983 में नापा गया था। अंटार्कटिक सिर्फ बर्फ से जमा हुआ जमीन ही नहीं बल्कि यहाँ कई हजार साल पुराने मानव सभ्यता के सबूत भी मिले हैं, और अब दुनियाभर के शोधकर्ता इस विषय पर शोध कर रहे हैं। 

2000 साल पहले ग्रीक दार्शनिक प्लूटो ने यहाँ की मानव सभ्यताएं और उनके संहार के बारे में लिखा था। कई शोधकर्ताओं ने ये भी दावा किया है कि अंटार्कटिका किसी समय मानव बस्ती थी और जिस लुप्त हुए अटलांटिस शहर की पूरी दुनिया तलाश कर रही है वो कहीं और नहीं यही अंटार्कटिका में ही मौजूद था।


Earth Dispalecment Theory के मुताबिक हमारी पृथ्वी के हिस्से हर 20,000 से 30,000 सालों में एक जगह से दूसरी जगह मूव होते रहते हैं। और इसी वजह से आज के प्रदेश एक दूसरे से दूर या नजदीक आये हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार इस जगह पर मानव सभ्यता रहती थी लेकिन धरती का मैग्नेटिक सेंटर शिफ्ट होने की वजह से ये जगह रहने लायक नहीं रही, और बहुत से वैज्ञानिक इस थ्योरी को मानते भी हैं। 

आजतक लिए गए कई सेटेलाइट तस्वीरों में अंटार्कटिका के बर्फ के पहाड़ों के नीचे कुछ अजीब सी आकृतियाँ दिखाई दी हैं। यहाँ पर एक और ऐसी चीज के होने के निशान मिले हैं जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था, जिसके बारे में आपने भी शायद सुना होगा।, वो थें "पिरामिड ऑफ अंटार्कटिका"। यहाँ भी बिल्कुल गीजा के पिरामिड की तरह पिरामिड की संरचना खड़ी है और गूगल Earth ने वहाँ 3 बर्फ से ढके हुए पिरामिड का समूह खोज निकाला है और उनका आकार पूरी तरह से मानव निर्मित पिरामिडों की तरह लगता है। लेकिन कुछ वैज्ञानिकों ने इस बात को मानने से इनकार किया है कि ये पिरामिड मानव निर्मित है और इनके प्राकृतिक होने का दावा भी किया है। लेकिन इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि मानव निर्मित पिरामिड सिर्फ इजिप्ट में ही नहीं बल्कि दुनिया के हर कोने में मिले हैं और आज अंटार्कटिका जैसे पुरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है वो लाखों साल पहले ऐसा नहीं था।आज से करीब 500 साल पहले पेरी रिस नामक एक कार्टोग्राफर के बनाये हुए नक्शे में भी अंटार्कटिका में बर्फ नहीं दिखाई थी। इसी प्रकार अंटार्कटिका के और भी कई सारे रहस्य और रोचक बातें हैं जो दुनिया को हैरान कर दी हैं।

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