देश का पहला डाक टिकट कब जारी हुआ | Postage stamps and Postal history of India

देश का पहला डाक टिकट कब जारी हुआ, Postage stamps and Postal history of India
देश का पहला डाक टिकट कब जारी हुआ, Postage stamps and Postal history of India


दोस्तों आज स्मार्टफोन आने के बाद बात करना बहुत आसान हो गया है, पर एक दौर था जब पत्र के माध्यम से बातचीत की जाती थी। उस दौर में  पत्र लिखना  एक अलग ही अनुभव देता था। आज की पीढ़ी शायद ही एक पोस्टकार्ड या डाक टिकट को जानती होगी। इस पोस्ट में आज हम भारतीय डाक विभाग और डाक टिकट से संबंधित कुछ तथ्यों के बारे में जानकारी देंगे।




देश का पहला डाक टिकट कब जारी हुआ था ?



भारत का पहला डाक टिकट 21 नवंबर 1947 को जारी किया गया था। इसका उपयोग केवल देश के अंदर डाक भेजने के लिए किया जा सकता था। 


भारतीय डाक विभाग और डाक टिकट से संबंधित कुछ तथ्य


Postage stamps and Postal history of India




भारत का पहला डाक टिकट 21 नवंबर 1947 को जारी किया गया था। 

इस पर भारतीय ध्‍वज का चित्र और जय हिंद लिखा हुआ है।

आजाद भारत के पहलके डाक टिकट की कीमत साढ़े तीन आना राशि यानी 14 पैसा थी।

1947 में एक रुपया '100 पैसे' का नहीं बल्कि '64 पैसे' यानि 16 आने का होता था और उस समय इकन्नी, चवन्नी और अठन्नी का ही प्रचलन था।

विदेश में भेजे जाने वाले पत्रो के लिए पहले डाक टिकट पर डीसी चार विमान का चित्र बना हुआ था, उसकी राशि बारह आना यानि 48 पैसे हुआ करती थी।

वर्ष 1766 में यानी 252 साल पहले भारत में डाक व्यवस्था शुरू हुई।

1774 में वारेन हेस्टिंग्स ने कोलकाता में पहला डाकघर स्थापित किया था।

01 अक्टूबर, 1854 को भारत में महारानी विक्टोरिया के चित्र वाला डाक टिकट जारी हुआ था।

भारत में स्पीड पोस्ट की शुरूवात 1986 में की गई थी।

भारत में मनी आर्डर सिस्टम की शुरूवात 1880 हुई। 

दक्षिण गंगोत्री अंटार्कटिका भारत का पहला डाकघर है जो भारतीय सीमा के बाहर है जिसकी स्थापना 1983 में की गई थी।

भारतीय डाक विभाग में डेढ़ लाख से अधिक पोस्ट ऑफिस है, जिनमें से 89.87% ग्रामीण क्षेत्रों में है।

भारत में अब तक का सबसे बड़ा डाक टिकट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर 20 अगस्त सन 1991 को जारी किया।

आजाद भारत में महात्मा गांधी ऐसे पहले भारतीय थे, जिन पर डाक टिकट जारी किया गया था। 

जितनी भी हस्तियों पर डाक टिकट जारी किए गए हैं, उनमें से सबसे ज्यादा टिकट महात्मा गांधी के नाम पर ही जारी हुए थे।






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