![]() |
| छींक आने पर ऑखें बंद क्यों हो जाती है, Why is the Eyes Closed When Sneezing |
छींक आना एक सामान्य सी प्रक्रिया है पर आपने देखा होगा जब भी हमें छींक आती है तो हमारी पलकें जरूर झुकती है कहने का मतलब है छींक आने पर आंख बंद हो जाती हैं, पर कभी आपने सोचा ऐसा क्यों होता है। इसके पीछे की क्या वजह है क्या आप जानते हैं आज की इस पोस्ट में हम इस विषय पर ही जानकारी देने जा रहे हैं चलिए शुरू करते हैं ।
◆ जिंदा इंसान पानी में डूब जाता है लेकिन मृत शरीर तैरता क्यों है ?
◆ गैस सिलेंडर का रंग लाल क्यों होता है ?
हम जब भी सांस लेते हैं तो स्वास्थ्य नली के माध्यम से स्वच्छ वायु हमारे फेफड़ों में प्रवेश करती है पर कभी कभी कुछ धूल के कण भी श्वास नली में पहुंच जाते है। जैसे ही का श्वास नली में प्रवेश करते हैं तो हमारे फेफड़ों उन कण को बाहर निकलने के लिए जोर लगाते है। यह जोर हमारी कोशिकाओं पर पड़ता है। यह कोशिकाएं हमारे आँख, नाक और कान से जुड़ी होती हैं। इस वजह से जब भी हमें छींक आती है तो कोशिकाओं में खिंचाब पैदा होता है और इसी वजह से कुछ सेकंड के लिए हमारी पलकें बंद होती है।
ऑख खोलकर छींकना बहुत ही कठिन है या यॅू कहें कि नामुमकिन है। आप चाहे तो प्रैक्टिकल करके देख सकते हैं। कहने का मतलब यह है अगली बार जब आपको छींक और तो देखना पलकें बंद होती है या नहीं।
छींक रोकना हो सकता है खतरनाक, जाने क्यों ?
आपको सुनने में यह बात थोड़ी अजीब लग सकती है, पर यह बिल्कुल सच है। छींक रोकना आपके लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है। दरअसल, छींक बहुत तेज गति के साथ आती है, और हम छींक रोकते हैं तो बह प्रेशर हमारे नाक या गले की कोशिकाओं पर अनावश्यक दबाव डालकर उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। क्योंकि यह प्रेशर हो सकता है हो सकता है किसी और अंग पर डाइवर्ट हो जाए और उसे नुकसान पहुंचा दे। एक ध्यान देने वाली बात यह है कि यह कान के पर्दा पर भी दबाव बना सकता है और हो सकता है कि वह कान के पर्दे भी फाड़ दे। छींक रोकने की वजह से आंखों की रक्त वाहिकाएं और दिमाग की नसें भी प्रभावित हो सकती हैं। छींकने के साथ हमारे शरीर में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं।
छींकते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
छींकने के दौरान मुंह पर एक रुमाल रख सकते हैं।
छींकने वक्त आप मुहँ पर हाथ भी रख सकते हैं यदि आप रुमाल नहीं लिए हैं।
कई बार ऐसा होता है कि सार्वजनिक रूप से छींकना हमें सही नहीं लगता है और हमारे छींकने से आस-पास के लोग भी असहज हो जाते हैं। यही वजह है कि हम 'एक्सक्यूज मी' कहकर छींकते हैं।
सावधानियों को अपनाने से संक्रमण फैलने का खतरा भी कम हो जाएगा।
आप हमारे Facebook पेज को भी लाइक करें

0 Comments