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| राष्ट्रीय राजमार्गों और विभिन्न सड़कों के किनारे पौधों और झाड़ियों को क्यों उगाया जाता है, Benefits of Roadside Plantings |
राष्ट्रीय राजमार्गों और विभिन्न सड़कों के किनारे पौधों का उद्देश्य सिर्फ सुंदरता बढ़ाने के लिए नही है। आप सोच रहे होंगे पेड़ों की संख्या में इज़ाफा करने के लिए है, तो दोस्तो इसका उद्देश्य इससे कहीं ज्यादा है। आइये जानते है की यहाँ पेड़ पौधों को लगाने का वास्तविक उद्देश्य क्या है ।
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Benefits of Roadside Plantings
किसी भी प्रकार के हाईवे या फिर एक्सप्रेसवे में वाहनों की अब और डाउन लाइन के बीच में डिवाइडर बनाकर इस तरह के पौधे लगाए जाते हैं जो आने और जाने वाले वाहनों के बीच कम से कम 8 फुट की दूरी बना दे।
इंजीनियर का मानना है कि दूरी होने से करने से एक्सीडेंट की संभावना है काफी कम हो जाती है। और किसी कारणवश एक पटरी से नुकसान होने पर दूसरी के प्रभावित होने के चांस कम हो जाते है।
आमने सामने आने वाले वाहनों की हेडलाइट एक दूसरे के ड्राइवर को डिस्टर्ब नहीं करती है। ये झाड़ियाँ या पौधे आम तौर पर घने होते है तो लाइट दूसरी तरफ नही जा पाती है।
क्यारी में कुछ खास तरह के पौधे लगाए जाते हैं जो प्रदूषण को कम करने का काम करते हैं।
पेड़ पौधों का हरा रंग ड्राइवर की आंखों को शीतलता प्रदान करता है जिससे आंखों में जलन नहीं होती है।
झाड़ियों के कारण इंसान एवं जानवर रोड क्रॉस नहीं करते और एक्सीडेंट कम होते हैं। इस प्रकार वे दुर्घटनाओं से बचते हैं। अगर ये झाड़ियाँ नहीं होतीं, तो कोई भी भ्रमित हो सकता है कि वह राजमार्ग के दूसरी तरफ या किसी गलत रास्ते पर यात्रा कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटना हो सकती है।
किस तरह के पेड़ पौधे नही लगाए जा सकते है ?
यूकेलिप्टस, नीम, चमेली, जामुन आदि के वृक्षों की लकड़ी कमजोर होती है इसलिए राजमार्गों के किनारे नहीं लगाया जाता है। इसके अलावा कंटीले वृक्ष, जैसे बेर, बबूल को भी मार्गों के निकट नहीं लगाये जाते है। ये कमजोर पौधे आंधी-पानी में टूट कर मार्ग पर गिर सकते हैं जिससे राजमार्ग अवरुद्ध होंगे, साथ ही साथ वाहन व यात्रियों को भी गंभीर हानि पहुंचा सकते है। और इन कटीले पौधें में छाया का भी अभाव होगा साथ ही यात्रियों को भी नुकसान पहुँच सकता है।
यह पौधे कौन उपलब्ध कराता है ?
राष्ट्रीय राजमार्ग व राजमार्ग के किनारों पर लोक निर्माड विभाग (एनएच) व लो.नि.वि. अपने स्तर पर ही पौधरोपण करते हैं। जहां लोनिवि (एनएच) के पास अपना उद्यान है और इसके सहयोग से पौधरोपण करवाता है। जब भी वन विभाग से मांग आती है तो मांगानुसार पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं।।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा करते हुए बताया कि भविष्य में राजमार्गों के किनारे आम, महुआ, इमली, जामुन, अर्जुन, शीशम, पीपल जैसे छायादार व फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे और इनके संरक्षण का जिम्मा लोकल पब्लिक को दिया जाएगा। जिससे इन्हें रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। और पर्यावरण संरक्षण का काम हो जाएगा। इसके लिए सरकार ने पूरी की तैयारी है जिसके तहत करीब एक हजार एनजीओ को इस काम में शामिल किया जाएगा जिन्हें इस खास काम वृक्षारोपण और उनके रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

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