मंगल ग्रह की हैरान कर देने वाली तस्वीरें। Secrets Of Mars.

मंगल ग्रह पर भेजे Curiosity रोवर की सफलता के बाद इस साल जनवरी में अमेरिका के नासा ने एक हेलीकॉप्टर रोवर को मंगल पर भेजने की घोषणा की थी। लेकिन फिलहाल तो दुनिया की हालत खराब है ,अमेरिका ये रोवर मंगल पर कब भेजेगा इसके बारे तो कहा नहीं जा सकता है, लेकिन भविष्य में अमेरिका की मंगल पर नजर जरूर रहेगी इसके पीछे वजह भी काफी खास है, इसके पहले मंगल पर भेजे गए रोवर ने ऐसे कई अनोखी जानकारियां हासिल की थी। जिससे मंगल ग्रह के बारे में कई अनसुलझे सवालों का जवाब मिला था ,साथ ही कई नए सवाल भी खड़े हुए थे। 

उस Curiosity रोवर ने मंगल ग्रह की हजारों तस्वीरें ली थीं और उन तस्वीरों में से कुछ तस्वीरें काफी रहस्यमयी थी। मंगल ग्रह पर आज से करोड़ो साल पहले एक महाविनाश हुआ था जिसके सबूत भी वैज्ञानिकों को मिले हैं, इस महाविनाश ने मंगल ग्रह का पूरा स्वरूप ही बदल दिया था और इसी महाविनाश में मंगल ग्रह पर मौजूद सभ्यता भी खत्म हो गयी थी । जी हाँ, रोवर से भेजी तस्वीरों से तो ऐसा ही लगता है। इसमें से एक तस्वीर में एक ऐसी मूर्ति दिखाई दे रही है जो किसी इंसान जैसी नजर आ रही है, लेकिन ये सिर्फ अकेली ऐसी तस्वीर नहीं थी मंगल ग्रह से आयीं उन रोवर इमेजेस में कई ऐसी तस्वीरें हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।ये चीजें बिल्कुल उन स्कल्प्चर जैसी है जो हम इंसान बनाते हैं और मंगल ग्रह पर जो महाविनाश हुआ था उसके बाद इनका मिलना इस बात का सबूत है कि वहाँ एक सभ्यता मौजूद थी, जिसने अपने पीछे कई अवशेष छोड़े हैं। 


हालांकि इस बात को लेकर नासा ने कभी भी ठोस दावें नहीं किये थें।लेकिन इन सबूतों के आधार पर शोधकर्ताओं ने सच जान लिया है और आगे की रिसर्च करने की तैयारी कर ली है।
कुछ वैज्ञानिकों ने तो 1989 में मंगल ग्रह से मार्स वाइकिंग मिशन से आई पहली तस्वीरों के बाद से ही ये कहना शुरू कर दिया था कि वहाँ कुछ कलाकृतियाँ और अजीब संरचनाएं मौजूद है।लेकिन जैसा हमेशा होता है इस थ्योरी का विरोध करने वाले भी कई लोग थें। कुछ शोधकर्ता ये कहने लगे की मंगल ग्रह पर इन्सान द्वारा बनाई जो चीजे दिख रहीं है उनकी वजह Pareidolia है जिससे हमारा दिमाग एक जाने पहचाने पैटर्न की कल्पना करता है और इसी वजह से हम बादलों में भी आकृतियाँ देखते है। लेकिन इमेज रेस्टोरेशन एक्सपर्ट मानते हैं कि मंगल पर दिखाई देने वाली ये आकृतियाँ सिर्फ नज़रों का खेल नही है।
जोसफ वाइट पिछले 25 सालों से इमेज रेस्टोरेशन का काम कर रहे हैं। उनका दावा है कि मंगल ग्रह की सतह पर जो आकृति नजर आ रही है वो कोई भ्रम नहीं है। उन तस्वीरों का अभ्यास करने के बाद उन्होंने ये तक कहा था कि रोवर से आई तस्वीरें काफी हद तक क्लोज अप में थीं जिनमें ये आकृतियाँ साफ तौर से देखीं जा सकती थीं। लेकिन नासा ने इन तस्वीरों को नष्ट करने की बहुत कोशिश की और उन्होंने इन Images को Resize किया ताकी इनके डिटेल्स खत्म हो जाये।अगर आप भी इन तस्वीरों को गूगल पर सर्च करते हो तो इनमें से कोई भी इमेज अच्छे रेसोलुशन में नही मिलेगी। जबकि किसी भी रोवर पर लगा कैमरा काफी अच्छी तस्वीरें खींच लेता है। 
जब जोसेफ वाइट ने उन इमेजेस को फिर से रिस्टोर किया तो इनमे मौजूद आकृतियाँ और स्ट्रक्चर साफ तौर से दिखने लगी जो ये बात साबित करता है की मंगल ग्रह पर किसी लुप्त सभय्ता के अवशेष बिखरे पड़े हैं। ऐसे अवशेष जो हमें पृथ्वी पर भी नजर आती है तो क्या ये सम्भव है मंगल ग्रह पर दिखने वाली ये Structures सिर्फ नैसर्गिक न हो बल्कि इन्हें बनाया गया था? नासा कहता है नहीं। लेकिन यही नासा और कई वैज्ञानिक कुछ सालों पहले तक ये मान रहे थे कि मंगल ग्रह पर पानी मौजूद नही था लेकिन अब तो वहाँ पानी के सबूत मिल चुके हैं। एक बार इसी रोवर ने मंगल ग्रह पर काम करते समय एक बहुत ही रहस्यमय तस्वीर खींचीं जिसमें उस रोवर पर काम करती एक इंसान जैसी आकृति का साया नजर आ रहा है, इस तस्वीर में एक इन्सान साफ नजर आ रहा है लेकिन उसने कोई हेलमेट भी नही पहना था लेकिन उसने एक तरह का गियर जरूर पहन रखा था।
नासा ने इस तस्वीर का भी कोई एक्सप्लेनेशन नहीं दिया।जिससे ये बात साफ हो जाती है कि मंगल ग्रह पर जो भी है उसके बारे में नासा कुछ तो जरूर छुपा रहा है, ये बातजायज भी है क्योंकि वो पॉलिटिकल बंधन में बंधे हुए हैं इसलिए वो ऐसे विषय पर खुल कर बात नहीं कर सकते हैं।

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