कालका मेल को मिला नया नाम 'नेताजी एक्सप्रेस | Indian Railways renames Howrah-Kalka Mail as 'Netaji Express'

कालका मेल को मिल नया नाम 'नेताजी एक्सप्रेस, Indian Railways renames Howrah-Kalka Mail as 'Netaji Express'
कालका मेल को मिल नया नाम 'नेताजी एक्सप्रेस, Indian Railways renames Howrah-Kalka Mail as 'Netaji Express'


नेता जी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में पराक्रम दिवस के अवसर पर कोलकाता से कालका तक जाने वाली ट्रेन का नाम होगा नेताजी एक्सप्रेस कर दिया गया है। यह ट्रेन दिल्ली के रास्ते होती हुई ईस्टर्न रेलवे हावड़ा और नॉर्दर्न रेलवे कालका को जोड़ती है।Howrah-Kalka Mail एक्सप्रेस 150 साल पुरानी ट्रेन है जो ब्रिटिश सरकार के जमाने से चल रही है। रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है आप नीचे ट्वीट देख सकते है।


 

Howrah-Kalka Mail एक्सप्रेस / netaji express से जुड़े हुए कुछ फैक्ट

कालका मेल को मिल नया नाम 'नेताजी एक्सप्रेस, Indian Railways renames Howrah-Kalka Mail as 'Netaji Express'
कालका मेल को मिल नया नाम 'नेताजी एक्सप्रेस, Indian Railways renames Howrah-Kalka Mail as 'Netaji Express'

इस ट्रेन की शुरुआत 1 जनवरी 1866 को की गई थी। उस समय इसका नाम हावड़ा-पेशावर एक्सप्रेस (Howrah-Peshawar Express) रखा गया था।


Howrah-Kalka Mail ट्रेन का इस्तेमाल ब्रिटिश हुकूमत शिमला जाने के लिए किया करते थे।


अंग्रेजी हुकूमत के समय गर्मी के दिनों में शिमला राजधानी हुआ करती थी ऐसे में इसी ट्रेन की माध्यम से बह कोलकाता और शिमला आना-जाना करते थे।


कालका मेल ट्रेन अपने पुराने नंबर के साथ ही 12311 अप और 12312 डाउन नेताजी एक्सप्रेस बनकर चलेगी।


10 जुलाई 2011 की दोपहर को फतेहपुर रेलवे स्टेशन के पास कानपुर-फतेहपुर लाइन पर कालका मेल के 13 डिब्बे पटरी से उतरने के कारण यह ट्रैन दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। जिसमे 69 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 200 घायल हो गए। घायलों को कानपुर, लखनऊ और इलाहाबाद के अस्पतालों में ले जाया गया जहाँ पर उनका इलाज किया है। 




एक नजर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पराक्रम पर



भारतीय इतिहास का मानना है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इसी ट्रेन की मदद से ब्रिटिश हुकूमत को चकमा दिया था। आज से करीब 80 साल पहले उन्होंने धनबाद के गोमो (Gomoh) स्टेशन पर हावड़ा-कालका ट्रेन में बैठे और फिर लापता हो गए थे।

अंग्रेजी हुकूमत से भारत देश को आजाद कराने में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने बहुत अहम भूमिका निभाई थी उन्हीं के सम्मान में हर साल केंद्र ने 23 जनवरी को नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसको मनाने का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा को सम्मान देना है। अब सरकार ने पराक्रम दिवस के उपलक्ष्य में  देते हुए नेता जी के सम्मान में हावड़ा-कालका मेल का नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस कर दिया है।



Post a Comment

0 Comments