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| किंग कोबरा से जुड़े रोचक तथ्य, Amazing facts of King cobra |
आप सभी ने सांप की विभिन्न प्रजातियां देखी होंगी, जिसमें सबसे खतरनाक और जहरीले सांपों में किंग कोबरा का नाम आता है। वह इतना जहरीला होता है कि किसी जानवर या इंसान को काट ले तो 30 मिनिट में उसकी मौत तक हो सकती है। इस पोस्ट में हम आपको किंग कोबरा सांप से जुड़े तथ्य बताएंगे।
कोबरा, साँपों में पाई जाने जाने वाली एक ऐसी प्रजाति है जो अपनी कुल लंबाई के एक तिहाई हिस्से तक सीधे खड़े हो सकते है।
कोबरा दूसरे सांपो की तरह पानी में बड़ी आसानी से और काफी तेज रफ्तार से तैर लेता है। यही कारण कोबरा सांप अक्सर तालाब, झील और पानी वाली जगहों पर पाए जाते हैं।
किंग कोबरा की आंखे इतनी तेज होती है कि वह अपने शिकार को 91 मीटर दूर से भी आसानी से देख सकता है। ये सुनने में काफी अजीब लगता है पर यह एक फैक्ट है।
कोबरा सांप के कान नहीं होते है। ये सिर्फ चीजों की आहट और चलने के कंपन से ही किसी भी चीज का पता लगाते है।
किंग कोबरा काफी लंबा होता है। अभी तक किंग कोबरा की लंबाई 6 मीटर तक मिली है।
कोबरा सांप इतना जहरीला होता है कि अगर यह किसी हाथी को भी काट ले तो उसकी जान भी जा सकती है।
कोबरा सांप को कितना जहर उगलना है, ये वह खुद ही तय करते हैं। इसलिए जरूरी नहीं कि हर बार किंग कोबरा काटते समय जहर उगले कई बार वह बिना जहर दिए भी काट लेता है।
अगर इंसान को किंग कोबरा काट ले और तुरंत उसका सही इलाज ना हो तो 30 मिनट के अंदर उस इंसान की मौत हो सकती है।
किंग कोबरा सांप का औसत जीवनकाल 20 साल तक का होता है।
किंग कोबरा सांप करीब 1 तक बिना भोजन खाए भी रह सकते हैं।
कोबरा सांप अपने जहर को थूक के रुप में अपने शरीर की आधी लंबाई जितना दूरी तक फेंक सकते हैं।
किंग कोबरा सांप की पहली प्रजाति है जो अपने रहने के लिए घोसले बनाते हैं और उन्हीं में अंडे देते हैं और उन अंडों की स्वयं रक्षा करते हैं।
आपको जानकर आश्चर्य होगा की इतना जहरीला होने के बावजूद भी नेवले पर किंग कोबरा के काटने का कोई असर नहीं होता इसी वजह से नेवला कोबरा साँप को आसानी से मार देता है।
भारत का ऐसा गांव जहां पर सांप को पाला जाता है ?
महाराष्ट्र के सोलापुर जिला में एक गांव ऐसा है, जहां लोग सांपों के साथ दोस्तों जैसा व्यवहार करते हैं। इस गांव का नाम शेतफल है। यहां के रहने वाले सभी लोग अपने घरों में सांप को पालतू जानवर की तरह पालते हैं। इस गांव में आपको सांपों के मंदिर भी आसानी से को देखने को मिल जाएंगे। इस गांव में आज तक कभी किसी ने सांप को नहीं मारा है, यही वजह है कि इतने सांप होने के बावजूद भी इस गांव के किसी व्यक्ति को किसी सांप से आज नही काटा है। इस गांव में आपको कच्चे और पक्के दोनों तरह के मकान बन जाएंगे जिसमें सांपों को रहने के लिए अलग से व्यवस्था बनाई जाती है। अधिकतर घर कच्चे हैं, जहाँ इन घरों की छत पर छेद में सांपों के बैठने के लिए जगह होती है।

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