जानिये आखिर क्या है बरमूडा ट्रायंगल में जहाजों के गायब होने की वजह।

बरमूडा ट्राएंगल कहाँ हैं ? 

सबसे पहले जानते  बरमूडा ट्राएंगल क्या हैं और कहाँ पर हैं ? बरमूडा ट्राएंगल अटलांटिक महासागर में एक त्रिकोणीय क्षेत्र (Triangular area ) है जो बरमूडा, फ्लोरिडा और प्योर्टोरीको को जोड़ने वाला एक ट्रायंगल यानी त्रिकोण है, जहां पहुंचते ही बड़े से बड़ा समुद्री और हवाई जहाज गायब हो जाता है। अगर इस बरमूडा ट्राइएंगल के पास में कोई जहाज  गुजरता हैं , तो न तो जहाज मिलता है और न ही उसके यात्री। बरमूडा ट्राइएंगल को 'डेविल्स ट्राएंगल' या 'शैतानी त्रिभुज' भी कहा जाता था ।

कब और कैसे हुआ पहला जहाज गायब 
जब एक व्यापारिक जहाज , जिसका नाम मैरी सेलेस्टी था , जो कि इस ट्राइएंगल में लापता हो गया था । खोजबीन करने पर 4 दिसम्बर 1872 को अटलांटिक महासागर में यह पाया गया , लेकिन इस जहाज में सवार यात्री और जहाज के कर्मचारी का कोई पता नहीं चल पाया ।


शुरुआत में मानी गयी समुद्री डकैती 
जब यह मैरी सेलेस्टी नाम का जहाज गायब हुआ यो शुरुआत  में माना गया कि जहाज समुद्री डाकुओं द्वारा लूट लिया गया होगा। लेकिन जहाज पर कीमती सामानों के सुरक्षित होने से डाकुओं द्वारा जहाज को लूट लिए जाने की बात साबित नहीं हो सकी।


इसके अलावा हुए अन्य जहाज गायब
मैरी सेलेस्टी के अलावा ये जहाज भी गायब हए हैं , वह भी आश्चर्यजनक तरीके से ।
USS Cyclops  -  March 4, 1918
Carroll A. Deering, 
Flight 19  - December 5, 1945
Star Tiger and Star Ariel - January 30, 1948,
Douglas DC-3 - December 28, 1948
Connemara IV - September 26, 1955


जहाज गायब होने में एलियन का हाथ
शिप्स,बड़े-बड़े जहाज यहां तक कि प्लेन्स भी यहाँ आ कर अक्सर डूब जाते हैं। कुछ सालों पहले तक ये एक बड़ा रहस्य था की आखिर यहाँ ऐसा क्या होता है कि यहाँ उड़ने वाले प्लेन्स और जहाज रहस्यमय तरिके से गायब हो जाते हैं, कुछ लोग इसका सम्बन्ध एलियन्स से जोड़कर देखते थें, तो कुछ का मानना था की यहाँ कोई पोर्टल या वर्महोल है जो किसी अन्य आयाम या स्पेस-टाइम में टेलिपोर्ट कर देता है। 

वैज्ञानिको के खोजा बरमूडा ट्राइएंगल का रहस्य 
लेकिन अब वैज्ञानिकों ने यहाँ होने वाली घटनाओं के पीछे का कारण खोज निकाला है, वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार यहाँ होने वाली घटनाओं के पीछे समुद्र में उठने वाले रॉगवेव्स जिम्मेदार हैं।
बरमूडा ट्राइएंगल में आसमान में बादल काफी तेज गरजते हैं ।जिससे कई फिट ऊँची लहरें उठती है । जिन्हें रॉगवेव्स (Rogue-Waves) कहते हैं और इन्हीं रॉगवेव्स की वजह से इस क्षेत्र से गुजरने वाले बड़े जहाज भी पानी में डूब जाते हैं ।यहाँ के खतरनाक कुदरती माहौल की वजह से यहाँ आसमान में हेक्सागोनल क्लाउड्स(षष्टकोणीय-बादल) तैयार होते है , जिनसे काफी तेज  बिजली निकलती है और हवाएँ बड़ी तेज चलती है, और इन्ही तेज हवाओं के चलते यहाँ से गुजरने वाले एयरप्लेन्स भी अपना नियंत्रण खो देते हैं और आसमान से पानी में डूब जाते हैं।

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