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| जिंदा इंसान पानी में डूब जाता है लेकिन मृत शरीर तैरता क्यों है |
आप लोगों को यह सवाल सुनने में जरूर अटपटा लग रहा होगा, पर यह सवाल कभी ना कभी आपने सुना होगा या आपके मन में जरूर आया हुआ। तो चलिए समझते हैं इसके पीछे क्या वजह है।
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इस प्रक्रिया को समझने के लिए आपको आर्किमिडज़ का सिद्धांत समझना होगा। अगर आप साइंस के विद्यार्थी हैं तो यह बात आपको बहुत आसानी से समझ में आ जाएगी। मनुष्य का मृत शरीर पानी में इसलिए तैरता है क्योंकि मृत शरीर का द्रव्यमान पानी के द्रव्यमान से कम होता है। इसे उदाहरण देकर समझते हैं ताकि आपको आसानी से समझ में आ जाए।
पानी पर तैरने वाले जहाज का वजन कई हजार टन होता है। और बड़े-बड़े पानी के जहाजों में एक कॉलोनी के बराबर यात्री एक साथ सफर कर रहै होते है। यहां तक की एक मालगाड़ी के बराबर कोई टन बजन का सामान पानी के जहाज में एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसपोर्ट किया जाता है। फिर भी पानी का जहाज डूबता नहीं है, पानी की सतह पर तैरता क्यों रहता है। जबकि एक लोहे के एक छोटे से टुकड़े को पानी में डाला जाए तो वह दूर कर तली में चला जाता है। आइए समझने की कोशिश करते हैं।
living human drowns in water, but why does a dead body float
लोहे की नाव या भारी भरकम जहाज पानी में इसलिए नहीं डूबता क्योंकि उसके पीछे आर्कमिडीज का सिद्धांत काम कर रहा होता है। इस सिद्धांत के अनुसार जब भी हम लोहे की कोई वस्तु पानी में डालते हैं। तो उस वस्तु के द्वारा हटाए गए जल का भार उस वस्तु के भार के बराबर होता है। और हटाए गए पानी की ताकत उसे ऊपर की ओर उछालती है, जिससे तैरता रहता है।
और सरल तरीके से समझने की कोशिश करते हैं,
जिस किसी भी वस्तु का घनत्व पानी से ज्यादा होता है वह वस्तु पानी में आसानी से डूब जाती है, यही कारण है कि जिन्दा शरीर पानी में डूब जाता है। क्योंकि जिन्दा शरीर का घनत्व ज्यादा होता है जिस कारण हमारी बॉडी पानी में डूब जाती है। और डूबने के कारण हमारे शरीर के फेफड़ों में पानी भर जाता है। जिस कारण हमारी मौत हो जाती है। शुरुआत में बॉडी पानी में डूब जाती है। लेकिन जब वो मृत शरीर सड़ने लगता है तो उसमे से गैस निकलने लगती है, और वो शरीर को पानी में ऊपर की तरफ ले आती है।
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| जिंदा इंसान पानी में डूब जाता है लेकिन मृत शरीर तैरता क्यों है |
हमारे मरने के बाद हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली काम करना बंद कर देती है और ऐसे में बॉडी का अपघटन/ गलना शुरू हो जाता है। जिस कारण बैक्टीरिया हमारे शरीर की कोशिकाओ और उत्तको को तोड़ना शुरू कर देते हैं। मृत शरीर में मौजूद बैक्टीरिया धीरे धीरे नष्ट होने लगते हैं और शरीर से विभिन्न गैसों जैसे मीथेन, अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन आदि शरीर से बाहर निकालने लगते हैं। जैसे जैसे शरीर सड़ता है वैसे वैसे शरीर फूलता है लेकिन उसका वजन नहीं बढ़ता और ऐसे में जो गैस शरीर से बाहर निकलती हैं वो मृत शरीर को पानी के ऊपर की तरफ लाती हैं और वो मृत शरीर पानी में डूबने की बजाय उस पर तैरने लगता है। इसलिए आपने देखा होगा जब कोई डेड बॉडी पानी में डूब जाती है तो बाहर निकलने पर गली हुई और सड़ी हुई दिखाई देती है। और बदबू का एहसास भी होता है।8
निष्कर्ष के तौर पर सरल भाषा में समझें तो मृत शरीर का घनत्व ज्यादा होने के कारण पहले तो वह पानी में डूबता है, लेकिन जैसे जैसे मृत शरीर सड़ता है वैसे वैसे शरीर का घनत्व कम होने लगता है। और वह हल्का हो जाता है साथ ही उसमे कई तरह की गैसें बनने लगती है जिस कारण मृत शरीर पानी के ऊपर तैरने लगता है। अब आपको इसकी वजह समझ में आ गई होगी।


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