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| क्या आप जानते हैं शिमला मिर्ची नाम कैसे पड़ा , Kya aap jante hai Shimla mirch ka name kaise pada |
भारत में शिमला मिर्च अंग्रेज लेकर आये थे। उस समय जब भारत में इसको उगाने की बात हुई तो शिमला की पहाड़ियों में सबसे पहले उगाया गया, और सफलता पूर्वक इसकी फसल का उत्पादन भी हुआ। बस फिर इसका नाम शिमला मर्च पड़ गया। अब तो आप समझ गए होंगे कि इसका नाम शिमला मिर्च कैसे पड़ा।
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शिमला मिर्च मूलत: मेक्सिको और दक्षिण अमेरिका में उगाई जाती थी और फिर यहाँ से मिर्च स्पेन पहुंची और उसके बाद यूरोप और एशिया में पहुंची।
Kya aap jante hai Shimla mirch ka name kaise pada ?
शिमला मिर्च को अंग्रेजी में कैप्सिकम (capscium) या फिर बेल पैपर (bell pepper) भी कहते हैं। शिमला मिर्च और मिर्चों के मुकाबले बहुत कम तीखी होती है इसलिए इसे स्वीट पेपर भी कहते हैं। शिमला मिर्च का बोटैनिकल नाम कैप्सिकम एनम (Capsicum annuum) है और यह सोलन्सी (Solanaceae) परिवार का सदस्य है।
शिमला मिर्च में कई प्रकार के एंटीओक्सीडेंट जैसे बीटा कैरोटीन, विटामिन बी6 और विटामिन सी बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। शिमला मिर्च में लोहा और पोटैशियम आदि खनिज भी पाए जाते हैं। इसलिए इसे खाना बहुत अधिक पौष्टिक माना जाता है। शिमला मिर्च एक ऐसी सब्जी है जिसे सलाद या सब्जी के रूप में खाया जा सकता है। बाजार में शिमला मिर्च लाल, हरी या पीले रंग की मिलती है। इसके अंदर बिल्कुल भी कैलोरी नहीं होती इसलिये यह कोलेस्ट्रॉल को नहीं बढ़ाती है।
इसके अलावा शिमला मिर्च के और भी ढेरों फायदे हैं -
दर्द में आराम शिमला मिर्च में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो त्वचा से दर्द को स्पाइनल कॉर्ड तक जाने नहीं देता है, साथ ही इसमें मौजूद बहुत से तत्व नेचुरल पेनकिलर की तरह काम करते हैं।
शिमला मिर्च कैंसर से बचाव में भी काफी फायदेमंद है। ये कैंसर सेल्स को विकसित नहीं होने देता है, ऐसा माना जाता है कि हर रोज किसी न किसी रूप में शिमला मिर्च का सेवन करने से कैंसर होने के चांसेज बहुत कम हो जाते हैं।
इसमें बहुत ही कम मात्रा में कैलोरी होती है जो वजन घटाने में मददगार है। इससे मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया बढ़ती है और कैलोरीज बर्न करने के साथ ही ये कोलेस्ट्राल का स्तर बढ़ने नहीं देती है।
शिमला मिर्च का सेवन कब नहीं करें
शिमला मिर्च आहार में तब शामिल नहीं करना चाहिए जब कोई सर्जरी होने वाली हो। साथ ही सर्जरी के बाद भी कम से कम दो सप्ताह तक शिमला मिर्च को आहार में शामिल नहीं करना चाहिए। इससे ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान शिमला मिर्च आहार में शामिल नहीं करना चाहिए या फिर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
शिमला मिर्च के सेवन से कभी-कभी आंख, नाक या गले में परेशानी हो सकती है। अगर इसके उपयोग से कोई परेशानी समझ में आती है तो, इसको खाने से परहेज करें। डॉक्टर और डाइटीशियन से संपर्क करके परेशानी का हल निकालना बेहतर होगा।

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