Madhya Pradesh Climate
मध्यप्रदेश की जलवायु
मध्य प्रदेश की जलवायु राज्य के माध्यम से गुजरने वाले कर्क रेखा से बहुत प्रभावित है। मध्य प्रदेश की जलवायु परिस्थितियाँ अत्यधिक परिवर्तनशील हैं। ग्रीष्मकाल अत्यधिक गर्म होते हैं, सर्दियाँ अत्यधिक ठंडी होती हैं और वर्षा या तो चरम पर होती है या सूखे की स्थिति रहती है। भारत के अन्य हिस्सों की तरह, मध्य प्रदेश में भी तीन प्रमुख मौसम हैं - ग्रीष्म, मानसून और सर्दी, लेकिन अवधि भिन्न होती है।
गर्मियों (मार्च-जून) के दौरान पूरे राज्य में तापमान 29.4 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहता है। सामान्य तौर पर, मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से पश्चिमी भागों की तुलना में अधिक गर्म होते हैं। मई के महीने में ग्वालियर, मुरैना और दतिया जैसे क्षेत्रों में 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया जाता है। आर्द्रता अपेक्षाकृत बहुत कम है और इस क्षेत्र में आमतौर पर हल्के धूल के तूफान का अनुभव होता है। दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर मध्य जून में टूट जाता है और पूरे राज्य में जून और सितंबर के बीच इसकी वर्षा का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त होता है। दक्षिण और दक्षिण-पूर्व क्षेत्रों में अधिक वर्षा का अनुभव होता है जबकि उत्तर-पश्चिम के हिस्से कम प्राप्त करते हैं।
मंडला, बालाघाट, सीधी, जबलपुर और अन्य चरम पूर्वी भागों में 150 सेमी से अधिक वर्षा होती है। पश्चिमी मध्य प्रदेश के जिलों में 80 सेमी से कम वर्षा होती है राज्य में सर्दियाँ और बरसात के मौसम बहुत कम होते हैं, जबकि ग्रीष्मकाल तुलनात्मक रूप से लंबा होता है। कर्क रेखा (Tropic of Cancer) मध्य प्रदेश के मध्य से होकर गुजरती है। इस प्रकार, उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध की ओर सूर्य के स्थानांतरण के साथ, बड़े पैमाने पर जलवायु की स्थिति बदल जाती है। महान हिमालय का प्रभाव पूरे मध्य प्रदेश में व्यापक रूप से सर्दियों के दौरान होता है। इसी समय, ट्रॉपिक ऑफ कैंसर का राज्य की जलवायु परिस्थितियों पर भी काफी प्रभाव पड़ता है।
तापमान (Temprature)
मध्य प्रदेश का औसत वार्षिक तापमान लगभग 25°C से 35°C के मध्य रहता है। तापमान को प्रभावित करने वाले कारकों में सूर्य की स्थिति, समुद्र तल से ऊँचाई व दूरी इत्यादि सम्मिलित हैं। मध्य प्रदेश में सर्वाधिक तापमान मई माह में खजुराहो में तथा सर्वाधिक दैनिक तापांतर मार्च माह में होता है जबकि न्यूनतम तापमान दिसंबर माह में शिवपुरी तथा जनवरी माह में सागर जिले में दर्ज किया जाता है।

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