Kya hoga agar prathvi se 5 second ke liye oxygen gayab ho jaye
जिंदगी के लिए सबसे प्राथमिक आवश्यकता है रोटी, कपड़ा और मकान, लेकिन इन सबसे भी ज्यादा जरूरी है ऑक्सिजन जिसके बिना एक पल भी जिंदा रहना मुश्किल हो जाएगा।आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर महज 5 सेकेंड के लिए धरती से ऑक्सिजन गायब हो जाए तो क्या होगा ? सबसे पहले तो जानते है ऑक्सिजन का उपयोग क्या हैं ।
ऑक्सिजन गैस का उपयोग
ऑक्सिजन का प्रयोग सल्फ्यूरिक एसिड एवं नाइट्रिक एसिड आदि बनाने में किया जाता है। औद्योगिक क्षेत्र में ऑक्सीजन का प्रयोग धातुओं को काटने, वेल्डिंग करने और गलाने में किया जाता है। वायुमंडलीय ऑक्सीजन का प्रयोग औद्योगिक कार्यों, जेनरेटरों और जहाजों के लिए ऊर्जा पैदा करने में किया जाता है। व्यवसायिक स्तर पर, इस्पात उद्योग में वात्य–भट्ठी में लौह-इस्पात तैयार करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। यदि हमारे वायुमंडल से ऑक्सीजन समाप्त हो जाए तो इसका नतीजा विनाशकारी होगा।
अगर 5 सेकंड के लिए ऑक्सिजन गायब हो गई तो ......
◆ धातुएं एक दूसरे से चिपक जाएगी
जिंदगी के लिए सबसे प्राथमिक आवश्यकता है रोटी, कपड़ा और मकान, लेकिन इन सबसे भी ज्यादा जरूरी है ऑक्सिजन जिसके बिना एक पल भी जिंदा रहना मुश्किल हो जाएगा।आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर महज 5 सेकेंड के लिए धरती से ऑक्सिजन गायब हो जाए तो क्या होगा ? सबसे पहले तो जानते है ऑक्सिजन का उपयोग क्या हैं ।
ऑक्सिजन गैस का उपयोग
ऑक्सिजन का प्रयोग सल्फ्यूरिक एसिड एवं नाइट्रिक एसिड आदि बनाने में किया जाता है। औद्योगिक क्षेत्र में ऑक्सीजन का प्रयोग धातुओं को काटने, वेल्डिंग करने और गलाने में किया जाता है। वायुमंडलीय ऑक्सीजन का प्रयोग औद्योगिक कार्यों, जेनरेटरों और जहाजों के लिए ऊर्जा पैदा करने में किया जाता है। व्यवसायिक स्तर पर, इस्पात उद्योग में वात्य–भट्ठी में लौह-इस्पात तैयार करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। यदि हमारे वायुमंडल से ऑक्सीजन समाप्त हो जाए तो इसका नतीजा विनाशकारी होगा।
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| Image Source - dainik bhaskar |
अगर 5 सेकंड के लिए ऑक्सिजन गायब हो गई तो ......
◆ धातुएं एक दूसरे से चिपक जाएगी
ऑक्सीकरण की परत धातुओं को आपसी संपर्क के द्वारा एक दूसरे से जुड़ने से रोकती है । धातुओं पर ऑक्सीकरण की परत चढ़ाई जाती है। इसकी वजह से संपर्क में आने पर वे एक दूसरे से नहीं चिपकते हैं और निर्वात स्थिति में धातु किसी मध्यवर्ती तरल पदार्थ की सहायता के बिना आपस में जुड़ जाते हैं। यह सिद्धांत शीत वेल्डिंग (Cold Weilding ) में इस्तेमाल किया जाता है।
◆ दिन के समय आकाश काला हो जाएगा
हवा में मौजूद प्रकाश कणों (धूल, ऑक्सीजन अणु, अन्य अशुद्धियां आदि) से परावर्तित ( reflect ) होने के कारण सूर्य की रौशनी पृथ्वी के सतह पर पहुंचती है। ऑक्सीजन की अनुपस्थिति का अर्थ है कि प्रकाश की किरणें परावर्तित ( reflect ) नहीं होंगी जिसके कारण आकाश लगभग काला दिखने लगेगा।
◆समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों को धूप से अत्यधित जलन (sun burn ) हो जाएगा
जी , हाँ समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों को धूप से जलन होगी ऐसा इसलिए क्योंकि ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में सूर्य से आने पराबैंगनी किरणों को ओजोन परत पृथ्वी की सतह में प्रवेश करने से नहीं रोक पाएंगीं। अगर पराबैंगनी किरणें पृथ्वी की सतह में प्रवेश करेंगी तो हम टोस्ट के जैसे हो जाएंगे या टोस्ट जैसे दिखने लगेंगे।
जी , हाँ समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों को धूप से जलन होगी ऐसा इसलिए क्योंकि ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में सूर्य से आने पराबैंगनी किरणों को ओजोन परत पृथ्वी की सतह में प्रवेश करने से नहीं रोक पाएंगीं। अगर पराबैंगनी किरणें पृथ्वी की सतह में प्रवेश करेंगी तो हम टोस्ट के जैसे हो जाएंगे या टोस्ट जैसे दिखने लगेंगे।


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