सहरिया कोलेरियन परिवार एक अत्यंत पिछड़ी जनजाति है ये जनजाति गुना , ग्वालियर , शिवपुरी , मुरैना , विदिशा और बुंदेलखंड में निवास करती है । शासन द्वारा उन्हें अत्यंत पिछड़ी जनजाति घोषित किया है ।
◆ उत्पत्ति - एक प्रचलित धारणा के अनुसार सहरिया शब्द की उत्पत्ति सह+हरिया से हुई है जिसका अर्थ है शेर के साथ होना ।
◆ भौगोलिक वितरण - सहरिया आपने आपको भीलो का छोटा भाई कहलाने में गोरा गौरव का अनुभव करते हैं ।
◆ निवास - ये लोग कतार बद्ध मकानों की समूह में रहते हैं जिसे सहाराना कहते हैं । अगर हम फारसी भाषा में सहर का आशय जंगल होता है । यह लोग जंगल में निवास करते हैं अतः इन्हें सहरिया कहा जाता है ।
◆ सामाजिक व्यवस्था - इनमें विवाह संबंधी नियम कठोर नहीं है । तलाक विधवा विवाह को मान्यता प्राप्त इनमें परिवारिक इकाई कुटुंब कहलाती है । सहरिया जंगली जड़ी बूटियों की विशिष्ट पहचान रखते हैं और हर मौसम में सहरिया लोग जड़ी बूटियों का संग्रह करते हैं । इन से दवाई बनाने में दक्ष होते हैं ।यह प्रायः भूमिहीन है उनकी आर्थिक स्थिति दानिया यह हाला बाटा के रूप में रोजगार करते हैं अधिकांश परिवार ऋण ग्रस्त है ।
◆ सांस्कृतिक विशेषता - सहरिया कला और संस्कृति संपूर्ण जनजाति है । यह हिंदू देवी देवताओं को मानते हैं हिंदू पर्व त्यौहार दशहरा दिवाली होली देवउठनी ग्यारस आदि सहरिया लोगों द्वारा मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहार है ।
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| Image source - naidunia.com |


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