अवस्थिति - पुष्पराजगढ़ तहसील जिला - अनूपपुर
2005 में पवित्र नगर घोषित ।
कपिल धारा एवं दुग्ध धारा प्रपात , नर्मदा कुण्ड , माई की बगिया , कबीर चौरा , जैन मंदिर,भृगु कमंडल , जलेश्वर महादेव मंदिर , आदिनाथ मन्दिर , सोन मुढ़ा और साई का मंदिर यही पर हैं ।
■ चंदेरी
अवस्थिति - अशोकनगर जिले में
200 मीटर ऊँचे किले , खूनी दरवाज़ा चारो ओर बावड़ियाँ व सरोवर , धोवन मठ ।
■ बांधवगढ़
अवस्थिति - उमरिया जिले में
बाघों के लिए बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान प्रसिद्ध हैं ।
■ पचमढ़ी
अवस्थिति - होशंगाबाद जिले में
अप्सरा विहार , धूपगढ़ , जटाशंकर , पाण्डव की गुफाएं , चौरागढ़ एवं महादेव शिखर यही पर स्थित हैं ।
■ भेड़ाघाट
अवस्थिति - जबलपुर जिले में
नर्मदा एवं बावन नदी के संगम स्थित यह प्रपात दोंनो ओर संगमरमर की चट्टानों से घिरा हुआ हैं । भृगुऋषि ने यही तपस्या की थी ।
■ पावागिरी ( ऊन )
अवस्थिति - इंदौर जिले में
यहाँ पर 99 जैन मंदिरों का निर्माण हुआ था जिसके कारण ऊन नाम पड़ गया। ऊन दिगम्बर जैनों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं ।
■ चित्रकूट
अवस्थिति - झांसी मानिकपुर रेलवे मार्ग पर कार्वी स्टेशन के निकट
2005 में पवित्र नगर घोषित किया ।
जनश्रुतियों के अनुसार भगवान ब्रह्मा , विष्णु व महेश ने यहीं पर बाल अवतार लिए थे ।
14 वर्ष के वनवास के समय भगवान श्री राम यही पर महर्षि अति व सती अनुसुइया के अतिथि बने । कामदगिरि अनुसुइया आश्रम , भरत कूट और हनुमान धारा यहीं पर स्थित हैं ।
■ उज्जैन
अवस्थिति - क्षिप्रा नदी के तट पर हैं ।
2005 में पवित्र नगर घोषित किया गया हैं ।
महाकालेश्वर मंदिर , मंगलनाथ मन्दिर , दक्षिण में जंतर - मंतर चिंतामणि , गणेश , गोपाल जी का मंदिर , संदीपनी का आश्रम , भ्रर्तहरि गुफा यहीं पर स्थित हैं ।
यहाँ पर 12 वर्षो बाद कुम्भ का मेला लगता हैं ।
■ ओंकारेश्वर
2005 में पवित्र नगर घोषित ।
ओंकार मांधाता मंदिर और सिद्धनाथ मन्दिर 24 अवतार सनमात्रिक तट पर मंदिर , गौरी सोमनाथ मंदिर और शंकराचार्य की गुफाएं यहीं पर स्थित हैं ।
■ बावनगजा
अवस्थिति - बड़वानी से 10 km दूर बावनगजा हैं पहाड़ियों में
बावनगजा में विश्व प्रसिद्ध 15 वीं शताब्दी की 72 फ़ीट ऊँची भगवान श्री ऋषवदेव जी की मूर्ति हैं ।
■ खजुराहो
अवस्थिति - छतरपुर जिले में
चौसठ योगिनी मन्दिर , कंदरिया महादेव मंदिर , चतुर्भुज मन्दिर , आदिनाथ नाथ जी मन्दिर , पारस नाथ जी मन्दिर ।
1. पश्चिमी समूह
2. पूर्वी समूह
3. दक्षिणी समूह में चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए मन्दिरों की श्रंखला हैं ।
■ मैहर
अवस्थिति - सतना जिले में कटनी इलाहाबाद मार्ग पर
2005 में पवित्र नगर घोषित ।
संगीतकार उस्ताद अलाउद्दीन खां की जन्मभूमि ।
देवी शारदा माँ जी का मंदिर यहीं पर हैं ।
■ साँची
अवस्थिति - रायसेन जिले में झाँसी इटारसी रेलमार्ग पर
विश्व विख्यात बौद्ध तीर्थ स्थल है । यहाँ पर तीन स्तूप हैं ।
■ मुक्तागिरी
अवस्थिति - बैतूल
यहाँ पर प्रशिद्ध जैनियों का पवित्र जैन तीर्थ स्थल हैं एवं यहाँ पर 52 मंदिर हैं ।
■ चंदेरी
अवस्थिति - अशोकनगर जिले में
200 मीटर ऊँचे किले , खूनी दरवाज़ा चारो ओर बावड़ियाँ व सरोवर , धोवन मठ ।
■ बांधवगढ़
अवस्थिति - उमरिया जिले में
बाघों के लिए बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान प्रसिद्ध हैं ।
■ पचमढ़ी
अवस्थिति - होशंगाबाद जिले में
अप्सरा विहार , धूपगढ़ , जटाशंकर , पाण्डव की गुफाएं , चौरागढ़ एवं महादेव शिखर यही पर स्थित हैं ।
![]() |
| Image Source - dainikbhaskar |
■ भेड़ाघाट
अवस्थिति - जबलपुर जिले में
नर्मदा एवं बावन नदी के संगम स्थित यह प्रपात दोंनो ओर संगमरमर की चट्टानों से घिरा हुआ हैं । भृगुऋषि ने यही तपस्या की थी ।
■ पावागिरी ( ऊन )
अवस्थिति - इंदौर जिले में
यहाँ पर 99 जैन मंदिरों का निर्माण हुआ था जिसके कारण ऊन नाम पड़ गया। ऊन दिगम्बर जैनों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं ।
■ चित्रकूट
अवस्थिति - झांसी मानिकपुर रेलवे मार्ग पर कार्वी स्टेशन के निकट
2005 में पवित्र नगर घोषित किया ।
जनश्रुतियों के अनुसार भगवान ब्रह्मा , विष्णु व महेश ने यहीं पर बाल अवतार लिए थे ।
14 वर्ष के वनवास के समय भगवान श्री राम यही पर महर्षि अति व सती अनुसुइया के अतिथि बने । कामदगिरि अनुसुइया आश्रम , भरत कूट और हनुमान धारा यहीं पर स्थित हैं ।
![]() |
| Image Source - dainik bhaskar |
■ उज्जैन
अवस्थिति - क्षिप्रा नदी के तट पर हैं ।
2005 में पवित्र नगर घोषित किया गया हैं ।
महाकालेश्वर मंदिर , मंगलनाथ मन्दिर , दक्षिण में जंतर - मंतर चिंतामणि , गणेश , गोपाल जी का मंदिर , संदीपनी का आश्रम , भ्रर्तहरि गुफा यहीं पर स्थित हैं ।
यहाँ पर 12 वर्षो बाद कुम्भ का मेला लगता हैं ।
■ ओंकारेश्वर
2005 में पवित्र नगर घोषित ।
ओंकार मांधाता मंदिर और सिद्धनाथ मन्दिर 24 अवतार सनमात्रिक तट पर मंदिर , गौरी सोमनाथ मंदिर और शंकराचार्य की गुफाएं यहीं पर स्थित हैं ।
![]() |
| Image source - naidunia |
■ बावनगजा
अवस्थिति - बड़वानी से 10 km दूर बावनगजा हैं पहाड़ियों में
बावनगजा में विश्व प्रसिद्ध 15 वीं शताब्दी की 72 फ़ीट ऊँची भगवान श्री ऋषवदेव जी की मूर्ति हैं ।
■ खजुराहो
अवस्थिति - छतरपुर जिले में
चौसठ योगिनी मन्दिर , कंदरिया महादेव मंदिर , चतुर्भुज मन्दिर , आदिनाथ नाथ जी मन्दिर , पारस नाथ जी मन्दिर ।
1. पश्चिमी समूह
2. पूर्वी समूह
3. दक्षिणी समूह में चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए मन्दिरों की श्रंखला हैं ।
■ मैहर
अवस्थिति - सतना जिले में कटनी इलाहाबाद मार्ग पर
2005 में पवित्र नगर घोषित ।
संगीतकार उस्ताद अलाउद्दीन खां की जन्मभूमि ।
देवी शारदा माँ जी का मंदिर यहीं पर हैं ।
![]() |
| Image source - ndtv |
■ साँची
अवस्थिति - रायसेन जिले में झाँसी इटारसी रेलमार्ग पर
विश्व विख्यात बौद्ध तीर्थ स्थल है । यहाँ पर तीन स्तूप हैं ।
■ मुक्तागिरी
अवस्थिति - बैतूल
यहाँ पर प्रशिद्ध जैनियों का पवित्र जैन तीर्थ स्थल हैं एवं यहाँ पर 52 मंदिर हैं ।





0 Comments