◆ उत्पत्ति - कोरकू का शाब्दिक अर्थ है मनुष्य का समूह । यह पोस्टो ऑस्ट्रेलॉयड वर्ग की द्रविण जनजाति मानी जाती है ।
◆ भौगोलिक वितरण - छिंदवाड़ा , बेतूल , होशंगाबाद ,हरदा , खंडवा , जबलपुर आदि जिलों में पाई जाती है ।
◆ शारीरिक विशेषताएं - रंग काला , कद मध्यम , नाक चौंडी और चपटापन लिए हुए होंठ मोटे , शरीर हष्ट पुष्ट एवं बाल काले होते हैं ।
◆ निवास - घर बॉस खपरैल घास लकड़ी के बने होते हैं ।
कोरकु अपने गांव किसी सुंदर स्थान पर बनाते हैं तथा गांव के चारों बांस की बाड़ लगाते हैं । इनके घर आमने-सामने पंक्ति बद्ध होते हैं एवं एक दूसरे के काफी निकट होते हैं ।
◆ रहन सहन - कोरकू जनजातियों का पहनावा साधारण होता है । पुरुष सूती बंडी , कुर्ता एवं धोती पहनते हैं । महिलाएं रंग-बिरंगे धोती पहनती है । कोरकू स्त्रियां चांदी , पीतल , कांसा आदि धातुओं के आभूषण एवं मोतियों की माला पहनती है ।
◆ भोजन - कोरकू को शाकाहारी और मांसाहारी दोनों होते हैं मोटे अनाज एवं सब्जियों इनके प्रमुख भोजन है ।
◆ सामाजिक व्यवस्था - कोरकू समाज पितृसत्तात्मक एवं टोटम पर आधारित समाज है । इनके दो प्रमुख वर्ग होते हैं राजकोरकू एवं पठारिया राजकोरकू । इनके अतिरिक्त चार अन्य वर्ग - रूमा , पोतड़िया, दुलारया और बोवई पाए जाते हैं । कोरकूओ में सगोत्र विवाह निषिद्ध हैंं। घर दामाद प्रथा , विधवा विवाह एवं बधू मूल्य का प्रचलन है ।
◆ अर्थव्यवस्था - कोरकुओ की आजीविका का मुख्य साधन कृषि एवं आखेटन है किंतु बहुत कम कोरकू भूस्वामी है ।आखेटन में ये अत्यंत निपुण होते हैं तथा समूह में आखेटन करते हैं । इसके अतिरिक्त पशुपालन , मत्स्य पालन एवं वनोपज संग्रह भी इनके जीवन यापन के साधन हैं
◆ धार्मिक जीवन - कोरकू स्वयं को हिंदू मानते हैं । ये लोग महादेव एवं चंद्रमा की पूजा करते हैं । डोगर देव ,भटुआ देव एवं गांव के देवता के इनके प्रमुख देवता है । यह लोग गुड़ीपड़वा,आखातीज, दशहरा , दीपावली और होली जैसे हिंदू त्योहार भी मनाते हैं । भूमियाँ और पडियार कोरकूओ के सम्मानित व्यक्ति होते हैं ।
मृतक संस्कार में सिडोली प्रथा प्रचलित है । मृतकों को दफनाया जाता है और मृतक की स्मृति में लकड़ी का एक स्तम्भ गाड़ते हैं ।
◆ कोरकू की उपजाति-
1.नहाला
2.मोवसीरुमा
3. बवारी
4.बोडोया
◆ कोरकू जनजाति में विवाह प्रथा -
1. लमझना प्रथा या घर दामाद प्रथा
2.चिथोड़ा
3.राजी-बाजी प्रथा
4.तलाक अथवा विवाह प्रथा
5. हठ विवाह प्रथा
6. अंतर्विवाह प्रथा
◆ कोरकुओ के प्रमुख त्यौहार -
1.गुड़ीपड़वा
2.देव दशहरा
3.जिरोति
4.देव दशहरा
5.आखाती तीज
6.डोडबलि
7.पाला
8.दीवाली
9.होली
● मोवासी/महुआ - मोवासी और महुआ अपराधी वर्ग घोतक है ।
● बावरिया - बैतूल जिले के कोरकू आदिवासी बावरिया कहलाते हैं ।
◆ रूमा - अमरावती जिले के कोरकू आदिवासी रूमा कहलाते हैं ।
● बन्दोरिया - पचमढ़ी क्षेत्र के रहने वाले कोरकू बंदोरिया कहलाते हैं ।
Source - मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी , भोपाल

1 Comments
Visheshata ke format me likhiye, aasan rahega padhna
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