ईश्वरवारा | 30 जनवरी 2020 को लगेगा ईश्वरवारा धर्म नगरी का वार्षिक मेला तो आइए ।
सबसे पहले जानतेे हैं श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र ईश्वरवारा के बारे में विस्तार से ।
श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन जयोदय तीर्थ क्षेत्र ईशुर
जिला सागर
मध्य प्रदेश
ईश्वरवारा सागर - बीना रोड पर स्थित है । ईशुवारा ग्राम परम पूज्यनीय गुरुवर आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिवर श्री 108 सुधा सागर जी महाराज जी की जन्मस्थली है । यह अतिशय तीर्थ क्षेत्र सागर जिला मे आता है यह तीर्थ क्षेत्र लगभग 400 वर्ष प्राचीन है ।
ईशुरवारा तीर्थ क्षेत्र का इतिहास
इस मंदिर का निर्माण परम दानवीर श्रेष्ठी श्री पानाशाह द्वारा विक्रम संवत् 1662 में गांव की पहाड़ी पर किया गया था । इस मंदिर में खडगाशन प्रतिमा
श्री शांतिनाथ भगवान जी ,
श्री अरहनाथ भगवान जी,
श्री कुंथुनाथ भगवान जी की प्रतिमा विराजमान है।
5 फीट ऊंची खरगासन प्रतिमा श्री नेमिनाथ भगवान जी और श्री चंदा प्रभु भगवान जी की है ।
क्षेत्र पर पहुँचने का मार्ग
यह अतिशय तीर्थ क्षेत्र सागर - बीना रोड पर है । सागर या बीना से आप चलते हैं तो आपको सबसे पहले किशनपुरा पहुंचना होगा जो कि आप ट्रेन ,बस या अपने निजी वाहन से पहुंच सकते हैं । किशनपुरा पहुंचने के बाद वहां से आपको ऑटो या मैजिक या फिर बस मिल सकती है , जो कि आपको ईशुरवारा ग्राम में पहुंचा देगी । किशनपुरा से ईशुरवारा की दूरी 6 किलोमीटर है ।
ईशुरवारा से अन्य जगह की दूरी
( सड़क मार्ग)
किशनपुरा - 6 km
जरुवाखेड़ा - 16 km Isarwara (ISH )
सागर - 30 km
खुरई - 30 km
बीना - 55 km
( रेल मार्ग )
जरूवाखेड़ा - 15 km
खुरई - 30 km
सागर - 30 km
बीना - 60 km
ईशुरवारा ( Isarwara ) 【ISH】 में रेलवे स्टेशन है । दरअसल रेलवे स्टेशन तो किशनपुरा ग्राम में है पर नजदीक में ईशुरवारा तीर्थ होने के कारण रेलवे स्टेशन का नाम isarwara रख दिया गया ।
सबसे पहले जानतेे हैं श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र ईश्वरवारा के बारे में विस्तार से ।
श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन जयोदय तीर्थ क्षेत्र ईशुर
जिला सागर
मध्य प्रदेश
ईश्वरवारा सागर - बीना रोड पर स्थित है । ईशुवारा ग्राम परम पूज्यनीय गुरुवर आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिवर श्री 108 सुधा सागर जी महाराज जी की जन्मस्थली है । यह अतिशय तीर्थ क्षेत्र सागर जिला मे आता है यह तीर्थ क्षेत्र लगभग 400 वर्ष प्राचीन है ।
ईशुरवारा तीर्थ क्षेत्र का इतिहास
इस मंदिर का निर्माण परम दानवीर श्रेष्ठी श्री पानाशाह द्वारा विक्रम संवत् 1662 में गांव की पहाड़ी पर किया गया था । इस मंदिर में खडगाशन प्रतिमा
श्री शांतिनाथ भगवान जी ,
श्री अरहनाथ भगवान जी,
श्री कुंथुनाथ भगवान जी की प्रतिमा विराजमान है।
5 फीट ऊंची खरगासन प्रतिमा श्री नेमिनाथ भगवान जी और श्री चंदा प्रभु भगवान जी की है ।
क्षेत्र पर पहुँचने का मार्ग
यह अतिशय तीर्थ क्षेत्र सागर - बीना रोड पर है । सागर या बीना से आप चलते हैं तो आपको सबसे पहले किशनपुरा पहुंचना होगा जो कि आप ट्रेन ,बस या अपने निजी वाहन से पहुंच सकते हैं । किशनपुरा पहुंचने के बाद वहां से आपको ऑटो या मैजिक या फिर बस मिल सकती है , जो कि आपको ईशुरवारा ग्राम में पहुंचा देगी । किशनपुरा से ईशुरवारा की दूरी 6 किलोमीटर है ।
ईशुरवारा से अन्य जगह की दूरी
( सड़क मार्ग)
किशनपुरा - 6 km
जरुवाखेड़ा - 16 km Isarwara (ISH )
सागर - 30 km
खुरई - 30 km
बीना - 55 km
( रेल मार्ग )
जरूवाखेड़ा - 15 km
खुरई - 30 km
सागर - 30 km
बीना - 60 km
ईशुरवारा ( Isarwara ) 【ISH】 में रेलवे स्टेशन है । दरअसल रेलवे स्टेशन तो किशनपुरा ग्राम में है पर नजदीक में ईशुरवारा तीर्थ होने के कारण रेलवे स्टेशन का नाम isarwara रख दिया गया ।


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