Who is known as eco baba of india
Eco baba ke naam se kon jana jata hai
जी है जहाँ हम अपने आस पास तो दूर अपने घर में भी साफ सफाई नही रख पाते वही दूसरी ओर एक संत हैं , जिन्होंने 160km लंबी नदी साफ कर दी हैं । हम बात कर रहे हैं बाबा बलबीर सिंह जी की । जिनका जन्म 2 फरबरी 1962 को पंजाब जिले के सीचेवाल गांव में हुआ था। 1981 में इन्होंने अपनी कॉलेज छोड़ दी और फिर लग गए समाज सेवा में।
अपने हाथों से बनाई रोड
इन्होंने अपने हाथों से पथरीली जगह को फाबरे की मदद से समतल बनाया। इनकी मदद से गांव में कई सड़कें बनाई गई।
इसके बाद वर्ष 2000 में गांव के लोगो ने काली बेई की गंदगी के बारे में चिंता की गई ।
क्यो खास है यह नदी
इस नदी के तट पर स्थित कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में सिखों के पहले गुरुनानक देव जी ने 14 साल बिताए थे, इसलिए इस नदी का खास महत्व है। यह नदी 160 km लंबी है इससे लगकर 93 गांव की 50 हज़ार एकड़ जमीन लगी हुई है। लेकिन इस नदी में 6 नगरो और 40 गांव के लोग कचरा फेंकते थे । बाबा बलवीर सिंह ने लोगो से कहा कि चिंता करने से कोई फायदा नही है। अगले दिन से वे अपना फाबरा और ट्रेक्टर लेकर पहुच गए नदी साफ करने। इस नेकी के काम को होता देख बहुत से लोग इस नेकी के काम से जुड़ गए । देखते ही देखते नदी साफ हो गई। लेकिन सबसे बड़ी समस्या थी गंदे पानी का क्या किया जाए। इसके लिए उन्होंने सीचेवाल तरीका अपनाया।इस तरीके को फिर कई राज्य की सरकारों ने अपनाया।
मिल चुके कई सम्मान
Times magazine ( टाइम्स मैगजीन्स) के द्वारा इनको hero of environment (पर्यावरण नायक) से नबाजा गया। भारत सरकार ने पदमश्री से सम्मान किया गया।
Eco baba ke naam se kon jana jata hai
जी है जहाँ हम अपने आस पास तो दूर अपने घर में भी साफ सफाई नही रख पाते वही दूसरी ओर एक संत हैं , जिन्होंने 160km लंबी नदी साफ कर दी हैं । हम बात कर रहे हैं बाबा बलबीर सिंह जी की । जिनका जन्म 2 फरबरी 1962 को पंजाब जिले के सीचेवाल गांव में हुआ था। 1981 में इन्होंने अपनी कॉलेज छोड़ दी और फिर लग गए समाज सेवा में।
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| Pic credit : amar ujala |
अपने हाथों से बनाई रोड
इन्होंने अपने हाथों से पथरीली जगह को फाबरे की मदद से समतल बनाया। इनकी मदद से गांव में कई सड़कें बनाई गई।
इसके बाद वर्ष 2000 में गांव के लोगो ने काली बेई की गंदगी के बारे में चिंता की गई ।
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| Pic credit : amar ujala |
क्यो खास है यह नदी
इस नदी के तट पर स्थित कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में सिखों के पहले गुरुनानक देव जी ने 14 साल बिताए थे, इसलिए इस नदी का खास महत्व है। यह नदी 160 km लंबी है इससे लगकर 93 गांव की 50 हज़ार एकड़ जमीन लगी हुई है। लेकिन इस नदी में 6 नगरो और 40 गांव के लोग कचरा फेंकते थे । बाबा बलवीर सिंह ने लोगो से कहा कि चिंता करने से कोई फायदा नही है। अगले दिन से वे अपना फाबरा और ट्रेक्टर लेकर पहुच गए नदी साफ करने। इस नेकी के काम को होता देख बहुत से लोग इस नेकी के काम से जुड़ गए । देखते ही देखते नदी साफ हो गई। लेकिन सबसे बड़ी समस्या थी गंदे पानी का क्या किया जाए। इसके लिए उन्होंने सीचेवाल तरीका अपनाया।इस तरीके को फिर कई राज्य की सरकारों ने अपनाया।
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| Pic credit : amar ujala |
मिल चुके कई सम्मान
Times magazine ( टाइम्स मैगजीन्स) के द्वारा इनको hero of environment (पर्यावरण नायक) से नबाजा गया। भारत सरकार ने पदमश्री से सम्मान किया गया।
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दोस्तो आशा है कि ये पोस्ट आपको अच्छा जरूर लगा होगा। आप अपने दोस्तों के साथ शेयर करे। "
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