First women truck driver of india
भारत में बहादुर महिलाओं की कमी नही है। अभी हाल में महिलाओं की भारतीय वायुसेना में भर्ती होने और महिला फाइटर बनने की खबरे चर्चे में आई थी। आप लोगो ने पुरुष ट्रक ड्राइवर के बारे में तो बहुत सुना होगा पर आपने कभी सुना है महिला ट्रक ड्राइवर। पहले मैंने भी नही सुना था पर जब मुझे इसके बारे में पता चला तो मैंने सोचा इसके बारे में एक पोस्ट लिखू। आईये अब जानते है विस्तार से।
भारत में बहादुर महिलाओं की कमी नही है। अभी हाल में महिलाओं की भारतीय वायुसेना में भर्ती होने और महिला फाइटर बनने की खबरे चर्चे में आई थी। आप लोगो ने पुरुष ट्रक ड्राइवर के बारे में तो बहुत सुना होगा पर आपने कभी सुना है महिला ट्रक ड्राइवर। पहले मैंने भी नही सुना था पर जब मुझे इसके बारे में पता चला तो मैंने सोचा इसके बारे में एक पोस्ट लिखू। आईये अब जानते है विस्तार से।
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| Pic credit : amarujala |
Yogita Raghuvanshi story in hindi : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की रहने वाली की रहने वाली योगिता रघुवंशी को भारत की प्रथम महिला ट्रक (भारी) ड्राइवर भी कहा जाता है। अगर हम अपने आसपास महिला ट्रक ड्राइवर की बात करे तो न के बराबर है, क्योकि ये बहुत रिस्की काम है और खासकर महिलाओं के लिए। कोई भी महिला इस काम को करना पसंद नही करेगी,पर मज़बूरी लोगो बहुत से ऐसे काम करने पर जाते है। योगिता की भी मज़बूरी थी।
इनके पति का ट्रांसपोर्ट का काम था और उनके पास तीन ट्रक थे पर दुर्भाग्य से उनके पति की मृत्यु हो जाती है और इसके बाद परिवार की जबाबदारी उन पर आ जाती है। इसके बाद वो ट्रक के लिए ड्राइवर और सहयोगी रखती है। लेकिन कुछ टाइम बाद उनके एक ट्रक का एक्सीडेंट हैदराबाद के पास हो जाता है और उसी समय ही ड्राइवर ट्रक को छोड़ कर भाग जाता है। इसके बाद योगिता को स्वयं ही ट्रक हैदराबाद में रिपेयर करबाना पड़ा। और इसके बाद उन्होंने स्वयं ही ट्रक चलाने की सोची और इसके बाद उन्होंने ट्रेनिंग लेना शुरु कर दिया।।आज योगिता को 15 साल से ज्यादा हो गए ट्रक चलाते।वो कई बार भोपाल से दक्षिण भारत गई ट्रक चलाके गई।
हमारी जानो इसको की टीम इनके जज्बे को सलाम करती है।
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| Pic credit : amarujala |
इनके पति का ट्रांसपोर्ट का काम था और उनके पास तीन ट्रक थे पर दुर्भाग्य से उनके पति की मृत्यु हो जाती है और इसके बाद परिवार की जबाबदारी उन पर आ जाती है। इसके बाद वो ट्रक के लिए ड्राइवर और सहयोगी रखती है। लेकिन कुछ टाइम बाद उनके एक ट्रक का एक्सीडेंट हैदराबाद के पास हो जाता है और उसी समय ही ड्राइवर ट्रक को छोड़ कर भाग जाता है। इसके बाद योगिता को स्वयं ही ट्रक हैदराबाद में रिपेयर करबाना पड़ा। और इसके बाद उन्होंने स्वयं ही ट्रक चलाने की सोची और इसके बाद उन्होंने ट्रेनिंग लेना शुरु कर दिया।।आज योगिता को 15 साल से ज्यादा हो गए ट्रक चलाते।वो कई बार भोपाल से दक्षिण भारत गई ट्रक चलाके गई।
हमारी जानो इसको की टीम इनके जज्बे को सलाम करती है।
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दोस्तो आशा है कि ये पोस्ट आपको अच्छा जरूर लगा होगा। आप अपने दोस्तों के साथ शेयर करे। "
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