क्या है चमकी बुखार और क्या है , इससे बचने के उपाय।

चमकी बुखार से बिहार राज्य मे 150 से ज्यादा बच्चे अपनी जान गबा चुके है।आज हम इससे जुड़ी अन्य बातों को जानते है।
क्या कहते है इसे डॉक्टर की भाषा में

 'एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम' यानी 'चमकी बुखार' दरअसल एक तरह का मस्तिष्क ज्वर होता है।दरसअल मस्तिक में लाखों कोशिकाएं रहती है,जब उनमें सूजन आ जाये तो उसे एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम कहते है।

चमकी है एक संक्रमण बिमारी
ये एक संक्रमण बिमारी है इसके वायरस शरीर में पहुचते ही प्रजनन सुरु कर देते है।ये मस्तिक की कोशिकाओं में सूजन पैदा कर देते है,और सेंट्रल नर्वस सिस्टम खराब कर देता है।

चमकी बुख़ार के लक्षण
ये मुख्यता 10 साल तक के बच्चो को होता है इसके कारण पूरे बदन में ऐठन आ जाती है।बच्चे को बार बार तेज बुखार आता है।बच्चे दातो पर  दात चराये रहते है।इसके साथ ही साथ कमजोरी आ जाती है,यहां तक कि बेहोशी आ जाती है।
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बुख़ार आने पर क्या करे
1.शरीर गरम होंने पर गीले कपडे की पट्टी शरीर पर रखते रहे
जिससे बुखार सिर तक नही पहुँच पाएगा।
2.डॉक्टर सलाह लेकर ors का घोल ले।
3.डॉक्टर की सलाह पर पेरासिटामोल सिरप या टेबलेट दे।
बच्चे को बुख़ार आने पर क्या न करे
1.लीची का सेवन बिल्कुल न करे ।
2. मरीज को परेशान न करे।


गर्मी के मौसम मे फल व सब्जियां जल्दी खराब हो जाती है।तो फल और सब्जी को धुलकर उपयोग करे।अपने आस पास सफाई रखे।गर्मी में बाहर न निकले और खराब ख़ाना न खाए।नाखून को छोटा रखे ।

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