मुम्बई डब्बावाले

जैसा कि आपने मुंबई की डिब्बों बालों के बारे में सुना होगा या देखा होगा। सुबह से मुंबई की खचाखच भरी हुई ट्रेनों मे टिफिन ले जाने की बात  तो 

Mumbai dabbawale
Image Source : Social Media 


दूर पैर रखने की जगह नहीं मिलती तब इसका उपाय है मुंबई की डिब्बेवालेे लोगों के टिफिन ऑफिस तक पहुंचाते हैं।
आइये उनके बारे में और रोचक खबरें जानते।



1 . महादेव भावजी  ने 1890 मे की थी शुरूआत

सुबह के समय जब लोगों को ऑफिस जाना पड़ता था तब ग्रहणी को जल्दी खाना बनाने में दिक्कत होती थी, क्योंकि ना तो उस समय गैस चुल्हा और ना ही   प्रेशर कुकर थे। तब 1890 में महादेव भावजी नामक व्यक्ति ने नूतन टिफिन की शुरुआत की। 

2.  शुरुआत का सफर

 शुरुआत में केवल 100 ग्राहकों तक सीमित था ये काम। डब्बा वालों को काम डब्बा घर से ऑफिस तक डब्बा पहुंचाने का था। वर्तमान मे  5000 डिब्बे वाले  200000 लोगों तक डिब्बा पहुंचाते हैं।


3.  डब्बा बालों का पारंपरिक पहनावा
जैसा कि हम देख सकते हैं स्कूल वाले बच्चों की यूनिफॉर्म अलग होती है और पुलिस वालों की अलग यूनिफॉर्म होती है । उसी तरह डिब्बा वालों की भी अलग होती है  वो लोग  कुर्ता पजामा गले में रुद्राक्ष माला और सर पर गांधी टोपी पहनते हैं और साथ ही साथ पैरों में कोल्हापुरी चप्पल पहनते रहते हैं।
Mumbai dabba, lunchbox

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